नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के विधायक टी.आर. जेलियांग को बुधवार को नागालैंड के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। सदन में बहुमत सिद्ध करने में नाकाम रहने पर शुरहोजेली सरकार को राज्यपाल पी.बी. आचार्य ने बर्खास्त कर दिया और इसके कुछ घंटों बाद जेलियांग ने शपथ ली।
राज्यपाल आचार्य ने कोहिमा में राजभवन में एक समारोह में जेलियांग (65) को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सदन में बहुमत सिद्ध करने के बाद अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों की घोषणा करेंगे।
उन्हें 22 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत साबित करने का समय दिया गया है।
इससे पहले लीजीत्सू बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा नहीं पहुंचे, जिसके बाद सदन के अध्यक्ष ईम्विापांग एइर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बहुमत साबित करने का प्रस्ताव नहीं रखा जा सका, क्योंकि वह सदन में मौजूद नहीं हुए।
एइर ने कहा, 'मैंने सदन की कार्यवाही की रिपोर्ट पहले ही राज्यपाल को सौंप दी है।'
वहीं, सत्तारूढ़ एनपीएफ के प्रवक्ता यिताचु ने विधानसभा में अनुपस्थिति पर कहा, 'हमें इसके (बहुमत साबित करने) के लिए समय नहीं दिया गया। हम विधानसभा सत्र में कैसे भाग ले सकते हैं, जब हम में से ज्यादातर सदस्य कोहिमा में मौजूद नहीं हैं और विधानसभा सत्र बुलाने की सूचना भी मंगलवार आधी रात को दी गई।'
और पढ़ें: राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- किसानों के लिए एक मिनट बात नहीं करने देते
यिताचू ने कहा,'हम विधानसभा सत्र को अचानक बुलाने का कारण नहीं समझ पा रहे हैं, क्योंकि एनपीएफ पार्टी के भीतर जारी राजनीतिक उथल-पुथल आंतरिक मामला है और इसे सदन के बाहर सुलझाया जाना चाहिए।'
राज्यपाल आचार्य ने गौहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ द्वारा लीजीत्सू की याचिका खारिज किए जाने के बाद मंगलवार रात को बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की थी। लीजीत्सू ने विधानसभा में बहुमत साबित करने के राज्यपाल के निर्देश को चुनौती दी थी।
लीजीत्सू को 60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ एनपीएफ के 10 विधायकों और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल है।
वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व एनपीएफ के ही नेता जेलियांग उन्हें समर्थन देने वाले पार्टी के 35 विधायकों, चार बीजेपी विधायकों और सात निर्दलीय विधायकों के साथ सदन में मौजूद थे।
जेलियांग खेमे के एनपीएफ के प्रवक्ता तोखेहो येप्तोमी ने आईएएनएस से कहा,'मुख्यमंत्री (लीजीत्सू) को सदन में बहुमत साबित करने से बचने की बजाय सम्मानजनक तरीके से इस्तीफा दे देना चाहिए था।' राज्यपाल आचार्य ने 11 और 13 जुलाई को लीजीत्सू से 15 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था।
और पढ़ें: शाओमी एमआई 5 एक्स स्मार्टफोन 26 जुलाई को होगा लॉन्च, जानिए इसके फीचर्स
Source : IANS