ऋषिकेश की पहचान बन चुके लक्ष्मण झूला को स्थानीय प्रशासन ने ऐहितियातन बंद कर दिया है. यह निर्णय पुल की खस्ताहाल हालत को देखते हुए किया गया है. इस निर्णय पर स्थानीय प्रशासन का कहना है कि काफी पुराना पुल होने के कारण अब इसकी हालत खराब हो गई है. यही नहीं, अपनी खस्ता हालत के चलते कभी भी यह गंभीर हादसे को जन्म दे सकता है. ऐसे में किसी दुर्घटना की आशंका को टालने के लिए यह कदम उठाया गया है. अपेक्षित मरम्मत के बाद इस पुल को जल्दी ही फिर से पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए खोल दिया जाएगा.
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1930 में बना था लक्ष्मण झूला
गौरतलब है कि गंगा नदी पर झूलते पुल को समय के साथ ऋषिकेश की पहचान से जोड़ दिया गया था. इसका निर्माण सन् 1930 में किया गया था. नदी के दोनों हिस्सों को जोड़ने का काम करने वाले इस पुल का इस्तेमाल दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालु और स्थानीय लोग करते हैं. इस पुल पर लोगों की अधिक संख्या के कारण अपेक्षा से कहीं ज्यादा बोझ पड़ रहा था. ऐसे में पुल की जीर्ण-शीर्ण अवस्था को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से इसे बंद करने का आदेश दिया.
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जनवरी में कराई गई थी जांच
पुल की उम्र और लोगों के बोझ को देखते हुए इसी साल जनवरी में पुल के ढांचे की जांच कराई गई थी. इस दौरान जांच एजेंसी ने पुल के कमजोर होने और इसके पैदल आवागमन के लायक नहीं होने की जानकारी दी थी. यही नहीं, एजेंसी ने समय रहते पुल की मरम्मत नहीं होने और अधिक भार पड़ने की स्थिति में किसी अनहोनी की आशंका भी जताई थी. हादसे की आशंका और पुल की खस्ता हालत को देखते हुए अधिकारियों ने अब लक्ष्मण झूला पर आम लोगों का आवागमन रोक दिया है.
HIGHLIGHTS
- खस्ताहाल पुल कभी भी दे सकता है हादसे को दावत.
- 1930 में अंग्रेजों मे बनवाया था लक्ष्मण झूला.
- मरम्मत के बाद जल्द ही फिर शुरू होगा पुल.