भारतीय रेल (Indian Railway) में तत्काल टिकट के खेल पर ब्रेक लगाने के लिए अब रेल मंत्रालय बड़ा कदम उठाने जा रहा है. जल्द ही एजेंट और वेंडर सिस्टम खत्म होगा. लोग या तो रेलवे स्टेशन पर जाकर टिकट बुक करा सकेंगे या फिर खुद आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट से मोबाइल ऐप या निजी कंप्यूटर से ऑनलाइन खरीद सकेंगे. टिकटों की कालाबाजारी की लगातार मिल रहीं शिकायतों के कारण रेलवे यह व्यवस्था करने जा रहा है. रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को संसद को यह जानकारी दी.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि टिकट का अवैध सॉफ्टवेयर बेचने वाले 104 लोगों और 5,300 दलालों को अब तक गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 884 वेंडरों को कालीसूची में डाला जा चुका है.
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रेलमंत्रालय को मिल रही हैं टिकट ब्लैक मार्केटिंग की शिकायतें
दरअसल, रेल मंत्रालय को मंत्रियों और सांसदों से टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग की तमाम शिकायतें मिल रहीं थीं. कई बार जांच के दौरान पता चला कि कुछ सॉफ्टवेयर के जरिए दलाल पहले से ही टिकट बुक कराकर बाद में महंगे रेट पर बेचते हैं, जिससे आम यात्री परेशान होते हैं. आरपीएफ की हालिया कार्रवाई में ऐसे तीन सौ से अधिक दलाल गिरफ्तार हुए थे, जो टिकट के काले धंधे में शामिल थे.
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रेलमंत्री ने दिया आश्वासन
रेल मंत्री ने कहा, "टिकट को लेकर मिल रहीं शिकायतों पर हमने फैसला लिया कि टिकिटिंग सिस्टम को बदला जाए. इसके तहत रेलवे के एजेंट और वेंडर टिकट बुक नहीं कर सकेंगे. यात्री मोबाइल फोन से लेकर रेल स्टेशनों के काउंटर से ही टिकट बुक करा सकेंगे."