लगातार संघ परिवार मुस्लिमों के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए काम कर रहा है, इसी कड़ी में फिल्मकार व निर्देशक इकबाल दुर्रानी ने सामवेद का उर्दू व हिंदी में अनुवाद किया है जिसका विमोचन शुक्रवार को लाल किले से संघ प्रमुख मोहन भागवत करेंगे. इकबाल दुर्रानी ने न्यूज़ नेशन से Exclusive बातचीत में कहा कि मुसलमानों को सनातन धर्म को जानना चाहिए, मदरसा मौलवियों को वेद पढ़ने चाहिए. दरअसल 1659 में औरंगजेब ने अपने बड़े भाई दारा शिकोह को इसी लाल किले की सड़क पर हाथी से बांधकर सरेआम बेइज्जत किया था क्योंकि दारा शिकोह सनातन धर्म का प्रेमी था और उसने उपनिषदों का फारसी में अनुवाद किया था.
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ऐसे में लाल किले की वही जगह होगी, संघ प्रमुख मोहन भागवत मंच पर होंगे, इकबाल दुर्रानी नामक मुस्लिम होगा व सामवेद का उर्दू अनुवाद होगा, यानी इतिहास नए सिरे से लिखा जा रहा है. फिल्मकार इकबाल दुर्रानी बीते दो साल से सामवेद का उर्दू और हिंदी में अनुवाद कर रहे थे. अब वह प्रकाशन की ओर अग्रसर थे. इकबाल दुर्रानी बीते दो वर्षों से कोई फिल्म नहीं बना रहे थे. वे अनुवाद में दिन रात लगे हुए थे.
कहा से मिली प्रेरणा
इस काम के लिए उन्हें प्रेरणा दारा शिकोह से मिली. जिन्होंने उपनिषदों का अनुवाद किया था. उन्होंने बताया था कि सबसे प्राचीन ग्रंथ तो वेद हैं, मूल तो वही है? उसने वेद की ओर अपने कदम बढ़ाए. इस पर उसके भाई औरंगजेब ने उसका सिर कलम कर दिया था. इकबाल दुर्रानी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी का सपना था कि दारा शिकोह के अधूरे सपने को पूरा किया जाए. ऐसे में उन्होंने अपनी तरफ ये कोशिश की है.
Source : News Nation Bureau