आज चांद पर लहराएगा तिरंगा. थोड़ी देर में खत्म होगा इंतजार

देश के लिए आज गौरव का वो पल आने वाला है जिसके लिए वैज्ञानिकों ने महीनों सालों पसीना बहाया है.अगर चंद्रयान 3 की लैंडिंग सफल होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव इलाके में पहुंचने वाला पहला देश होगा. इसके साथ ही सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश होगा.

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Prashant Jha
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चंद्रयान-3( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कुछ ही पलों में भारत चांद पर कदम रखकर दुनिया को यह बता देगा कि उसकी क्षमता अब किसी से कम नहीं है. भारत का चंद्रयान चांद की सतह चूमने वाला है. शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम लैंड करेगा. इसरो ने लैंड कराने की तैयारी शुरू कर दी है. सबसे पहले ऑटोमैटिक लैंडिंग सीक्वेंस शुरू किया जाएगा. हालांकि, लैंडर के निर्धारित जगह पर पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. 5 बजकर 44 मिनट तक निर्धारित जगह पर पहुंचने की संभावना है. इसके बाद चंद्रयान-3 दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा. अगर चंद्रयान 3 की लैंडिंग सफल होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव इलाके में पहुंचने वाला पहला देश होगा. इसके साथ ही सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश होगा.  भारत से पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं. 

इसके लिए देश भर के मंदिरों में पूजा पाठ का आयोजन किया जा रहा है. पूजा पाठ यज्ञ हवन चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग के लिए किया जा रहा है. 140 करोड़ लोगों की दुआ मिशन मून के साथ है तो भला भारत इतिहास कैसे नहीं रचेगा. उज्जैन के महाकाल मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई. मंदिर में सुबह भस्म आरती में चंद्रयान 3 की सफलता के लिए विशेष प्रार्थना हुई. देहरादून, हिमाचल, भोपाल, शिरडी, पुणे, ऋषिकेश,वाराणसी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में पूजा पाठ का दौर जारी है. 

देश के लिए आज गौरव का वो पल आने वाला है जिसके लिए वैज्ञानिकों ने महीनों सालों पसीना बहाया है. चंद्रयान 3 सफलता से चांद की सतह चूमने वाला है. जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर लोग मिशन मून की सफलता के लिए दुआ कर रहे हैं. अजमेर दरगाह में भी खास दुआ मांगी गई. चंद्रयान 3 की सफलता के लिए रामपुर की मस्जिदों में दुआओं का दौर जारी है. देश के हर हिस्सों में चंद्रयान की सफलता के लिए लोग प्रार्थना कर रहे हैं. 

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रूस की गलती से भारत ने ली ये सबक

चंद्रयान फिलहाल 25 km x 134 km की ऑर्बिट में घूम रहा है, हालांकि, लैंडिंग की शुरुआत 30.5 km से शुरू होगा. क्योंकि पहले चंद्रयान-3 40 हजार किलोमीटर की स्पीड से चल रहा था, लेकिन रूस की गलती को देखते हुए इसरो ने चंद्रयान की रफ्तार कम कर दी है. चंद्रयान 3 की लैंडिंग की शुरुआत 30.5 km से होगा.  यानी चंद्रयान की लैंडिंग 1 से 2 मीटर प्रतिसेंकड की गति से होगी. इसरो से इस चीज की कमांड उसे मिल चुकी है. लैंडिंग कैसे करनी है, इस चीज की कमांड दी गई है 

Source : News Nation Bureau

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