मोदी सरकार के प्रस्तावित तीन तलाक (ट्रिपल तलाक) बिल के खिलाफ मुखर मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के प्रमुख व लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आड़े हाथों लिया है।
उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल के बहाने शरीयत को निशाना बनाया जा रहा है। ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के सभी नागरिकों को 15-15 लाख रुपये दिये जाने के कथित वायदे को याद दिलाया।
उन्होंने कहा, 'महिलाओं को न्याय दिलाना उनका एक बहाना है, शरीयत को निशाना बनाया जा रहा है।' आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 (तीन तलाक बिल) के मुद्दे पर कहा है कि यह धर्म या विश्वास का मुद्दा नहीं, बल्कि लैंगिक समानता व लैंगिक न्याय का मुद्दा है।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के आम खास ग्राउंड में एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, 'आगामी बजट में तीन तलाक पाने वाली महिलाओं को 15-15 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान किया जाएगा, 15 लाख नहीं तो 15 हजार ही दे दो मित्रों।'
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ओवैसी ने लोकसभा में तीन तलाक बिल का विरोध किया था। हालांकि संख्याबल की कमी की वजह से उनके सभी संशोधन खारिज हो गए थे।
तीन तलाक बिल में कहा गया है कि तलाक-ए-बिद्दत (तीन तलाक) गैरकानूनी व दंडनीय अपराध होगा। इसमें पति से आजीविका के लिए गुजारा भत्ता व पत्नी व आश्रित बच्चों की रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दैनिक सहायता की व्यवस्था भी शामिल है।
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Source : News Nation Bureau