तीन तलाक बिल संसद को दोनों सदनों में पास हो गया है. अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही तत्काल तीन तलाक कहना गुनाह हो जाएगा. एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार इसे एतिहासिक फैसला बता रही है तो वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) इसका जमकर विरोध कर रही है. इतना ही नहीं AIMPLB ने विपक्ष की तरफ से सदन से वातआउट कर सरकार के इस एजेंडो सर्थन देने पर भी कड़ी निंदा की है.
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AIMPLB ने इस मामले में मंगलवार को ट्वीट किया जिसमें उसने विपक्षी पार्टियों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा, हम कांग्रेस, जेडीयू, बीएसपी, टीआरएस और वाईएसआर पार्टियों की कड़ी निंदा करते हैं जिन्होंने संसद में वोटिंग के समय वाकआउट कर बीजेपी राजनीतिक एजेंडे को अपना समर्थन दिया. उन्होंने अपना असली रंग दिखा दिया.
"We strongly condemn @INCIndia, @jantadal @Mayawati's BSP, AIDMK, @trspartyonline, @YSRCParty parties. They supported the @BJP4India's political agenda and walked out at the voting time in Rajya Sabha. They all have shown their true colors". Moulana Wali Rahmani:
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) July 30, 2019
इसके अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्लनल लॉ बोर्ड ने ट्वीट कर इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया है. बोर्ड ने टि्वटर पर लिखा है- 'निश्चित रूप से यह भारतीय लोकतंत्र का काला दिन है. मुस्लिम महिलाओं के विरोध के बावजूद मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इसे संसद के दोनों सदनों से पास करवाया. लाखों मुस्लिम महिओं की तरफ से हम इस बिल की निंदा करते हैं.'
सुप्रीम कोर्ट में दी जाएगी चुनौती
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्लनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जीलानी का कहना है कि बिल की खामियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्लनल लॉ बोर्ड की लीगल कमेटी की जल्द ही बैठक बुलाकर बिल की खामियों का अध्ययन किया जाएगा. उसके बाद पूरी तैयारी कर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. जीलानी ने सबसे ज्यादा एतराज पति को जेल भेजने के प्रावधान पर जताते हुए कहा- इस प्रावधान को किसी भी सूरत में उचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में तलाकशुदा पत्नी के बच्चों की परवरिश आखिर कौन करेगा?
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Certainly, it's a black day in Indian democracy. Despite Indian Muslim women's opposition to the #TripleTalaqBill, the Modi led government passed the bill in both the lower house and the upper house. We on behalf of millions of women condemn this action.
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) July 30, 2019
गौरतलब हो कि राज्यसभा में बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में सिर्फ 84 वोट पड़े. बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव भी गिर गया. प्रस्ताव के पक्ष में 84 जबकि विपक्ष में 100 वोट पड़े. सरकार की सहयोगी जनता दल (यू) और AIADMK बिल के विरोध में रहे. वोटिंग से पहले इन दोनों दलों के सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया. ऐसा कर इन दोनों दलों ने बिल का विरोध तो किया पर परोक्ष रूप से सरकार की मदद की. सरकार के फ्लोर मैनेजर लगातार राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के भी संपर्क में थे. खुद गृहमंत्री अमित शाह पूरे दिन सदन में रहे. लोकसभा में तीन तलाक को लेकर बिल इसी सत्र में लोकसभा से पारित हो चुका है. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही यह बिल कानून में तब्दील हो जाएगा.