Advertisment

शाहबानो से शायरा बानो तक जानिए तीन तलाक को लेकर कब क्‍या हुआ

लोक सभा में पास होने के बाद अब तीन तलाक बिल (triple talaq bill) राज्‍य सभा (rajya sabha) के पटल पर है. इसको लेकर बहस जारी है. इस बीच आइए जाने हैं कि इस बिल को लेकर अबतक क्‍या-क्‍या हुआ?

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
शाहबानो से शायरा बानो तक जानिए तीन तलाक को लेकर कब क्‍या हुआ

प्रतिकात्‍मक चित्र

Advertisment

लोक सभा में पास होने के बाद अब तीन तलाक बिल (triple talaq bill) राज्‍य सभा (rajya sabha) के पटल पर है. इसको लेकर बहस जारी है. इस बीच आइए जाने हैं कि इस बिल को लेकर अबतक क्‍या-क्‍या हुआ? बता दें वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने शायरा बानो केस में फैसला देते हुए तुरंत तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया. 5 जजों की बेंच ने 3-2 से फैसला सुनाते हुए सरकार से इस दिशा में 6 महीने के अंदर कानून लाने का निर्देष दिया था. इस निर्देश के बाद ही बाद मोदी सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक बनाया.

28, दिसंबर, 2017

भारत सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को लोकसभा में पेश किया. इस बिल में मौखिक, लिखित, इलेक्ट्रॉनिक (एसएमएस, ईमेल, वॉट्सऐप) को अमान्य करार दिया गया और ऐसा करने वाले पति को तीन साल की सजा का प्रावधान बताया गया. हालांकि, इसे आरजेडी, एआईएमआईएम, बीजेडी, एआईएडीएमके और एआईएमल का विरोध देखना पड़ा जबकि कांग्रेस ने इस बिल का समर्थन किया. बिल में 19 संशोधन सुझाए गए लेकिन सभी खारिज कर दिए गए. राज्यसभा में बिल पास नहीं हो सका.

जनवरी 2019

तीन तलाक पर अध्यादेश की अवधि पूरी होने से पहले दिसंबर 2018 में एक बार फिर सरकार बिल को लोकसभा में नए सिरे से पेश करने पहुंची.

17, दिसंबर 2018

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक यानी तीन तलाक बिल (triple talaq bill) को लोकसभा में बिल पेश किया गया. हालांकि, एक बार फिर ने राज्यसभा में इसे पेश नहीं होने दिया गया. बिल अटक गया और सरकार फिर से अध्यादेश जारी कर तीन तलाक को अपराध घोषित कर दिया.

यह भी पढ़ेंः राज्यसभा में अल्‍पमत के बावजूद मोदी सरकार ने पारित करा लिया इतने विधेयक 

अध्यादेश के खत्म होने से पहले ही 16वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा हो गया और यह बिल संसद में पेश नहीं हो सका. मोदी सरकार ने एक बार फिर सरकार में आने के बाद बिल को फिर से सदन में पेश करने की तैयारी की. 21 जून, 2019 को विपक्ष के विरोध के बीच यह विधेयक 74 के मुकाबले 186 मतों के समर्थन से पेश किया गया.

25 जुलाई 2019

17वीं लोकसभा में तीन तलाक बिल (triple talaq bill) पास हो गया. मत विभाजन के दौरान पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े. इसके बाद बिल में संशोधन के लिए वोटिंग हुई, जिसमें पक्ष में 303 और विपक्ष में 78 वोट पड़े हैं. इसके साथ ही ओवैसी की ओर से लाए गए संशोधन को सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया.

30 जुलाई 2019

राज्‍यसभा में तत्‍काल तीन तलाक बिल (triple talaq bill) पर बहस जारी है. इस उच्‍च सदन में अल्‍मत में होने के बावजूद मोदी सरकार इसे पेश कराने जा रही है. लोकसभा चुनाव 2019 के बाद बने नए समीकरणों और मोदी सरकार की बदली रणनीति को देखते हुए उम्‍मीद है कि यह बिल राज्‍यसभा में पास हो जाएगा.

यह भी पढ़ेंः तलाक के अजीबो-गरीब कारण, जब बीवी का मुहांसा और पैंट-शर्ट पहने से उजड़ गई गृहस्‍थी

शाहबानो के कानूनी तलाक भत्ते पर मच गया था बवाल

मामला 1978 का है. मध्‍य प्रदेश के इंदौर की शाहबानो को उसके पति मोहम्मद खान ने तलाक दे दिया था. 5 बच्चों की मां 62 वर्षीय शाहबानो ने गुजारा भत्ता पाने के लिए कानून की शरण ली. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और उस पर सुनवाई हुई. उच्चतम न्यायालय तक पहुंचते मामले को 7 साल बीत चुके थे. न्यायालय ने IPC की धारा 125 के अंतर्गत निर्णय दिया जो हर किसी पर लागू होता है चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय का हो. कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाते हुए शाहबानो के हक में फैसला देते हुए मोहम्मद खान को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया.

यह भी पढ़ेंः हिंदुओं के विरोध के बावजूद सती प्रथा और बहुविवाह पर बना था कानून, जिससे बदल गई उनकी जिंदगी- मीनाक्षी लेखी

शाहबानो के कानूनी तलाक भत्ते पर देशभर में राजनीतिक बवाल मच गया. शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पुरजोर विरोध किया. राजीव गांधी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को मिलने वाले मुआवजे को निरस्त करते हुए एक साल के भीतर मुस्लिम महिला (तलाक में संरक्षण का अधिकार) अधिनियम, (1986) पारित कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया.

शायरा बानो का संघर्ष काम आया

उत्‍तराखंड के काशीपुर की रहने वाली शायरा बानो ने साल 2016 की फ़रवरी में अपनी याचिका दायर की. उनकी शादी 2001 में हुई थी और 10 अक्टूबर 2015 को उनके पति ने उन्हें तलाक दे दिया। जब वह अपना इलाज कराने के लिए उत्तराखंड में अपनी मां के घर गईं तो उन्हें तलाक़नामा मिला. शायरा बानो ने इलाहाबाद में रहने वाले अपने पति और दो बच्चों से मिलने की कई बार गुहार लगाई लेकिन उन्हें हर बार दरकिनार कर दिया गया. उन्हें अपने बच्चों से भी मिलने नहीं दिया गया. शायरा बानो ने अपनी याचिका में इस प्रथा को पूरी तरह प्रतिबंधित करने की मांग उठाई. कोर्ट ने शायरा की मांग मानते हुए तीन तलाक को अंसवैधानिक घोषित कर दिया

rajya-sabha rajyasabha Sanjay Singh Triple Talaq triple talaq bill rajya sabha seats Rajya Sabha TV Saroj Pandey Triple Talaq Bill in Rajya Sabha rajya sabha live rajya sabha tv live triple talaq bill 2019 rstv live loksabha tv
Advertisment
Advertisment