त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने मंगलवार को अगरतला में एक रैली को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और इंडीजीनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के गठबंधन पर निशाना साधा और कहा कि दोनों पार्टियां इतिहास से त्रिपुरा को मिटाने की कोशिश कर रही है।
18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रैली को संबोधित करते हुए माणिक सरकार ने आरोप लगाया है कि बीजेपी पूरे देश के अंदर अशांति फैला रही है।
उन्होंने कहा, 'बीजेपी और आईपीएफटी का गठबंधन खतरनाक है। बीजेपी आईपीएफटी को समर्थन दे रही है जो त्रिपुरा के विभाजन की मांग कर रही है। यह त्रिपुरा को इतिहास से मिटाने की एक साजिश है।'
उन्होंने कहा कि चार साल पहले बीजेपी सत्ता में जनता के बीच 'अच्छे दिन' के वादों के साथ आई थी लेकिन अब तक किसी वादे को पूरा नहीं किया।
सरकार ने कहा कि पूरे विश्व की तुलना में देश के अंदर महंगाई दर और पेट्रोल की कीमतें सबसे ज्यादा हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर आरोप लगाया, '2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने कॉरपोरेट सेक्टर से पैसे लिए थे। इसलिए सामाजिक और सार्वजनिक क्षेत्र में लाभ पहुंचाने को रोककर कॉरपोरेट को फायदा पहुंचा रही है। वह 2019 में भी इसे दोहराएगी।'
वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली में कहा कि बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, विकास और अच्छे शासन जैसे मजबूत पक्ष के कारण त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ वाममोर्चे को सत्ता से हटा देगी।
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सोमवार से राज्य के दौरे पर आए योगी उत्तरी त्रिपुरा में चार जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं।
आदित्यनाथ ने कहा, 'सातवें वेतन आयोग के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार अपने 14 लाख कर्मियों को ज्यादा वेतन देती है लेकिन त्रिपुरा की सरकार अभी तक ये नहीं कर सकी।'
गौरतलब है कि 60 सदस्यों वाली त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी को चुनाव होगा और वोटों की गिनती 3 मार्च को होगी।
राज्य में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) (सीपीएम) की मजबूत पकड़ बनी हुई और पिछले 25 सालों से लगातार सत्ता में है। विधानसभा में अभी सीपीएम के 50 सदस्य हैं।
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Source : News Nation Bureau