भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में वाम दलों का किला ध्वस्त करते हुए शनिवार को आए तीन विधानसभा चुनावों के परिणामों में पूर्वोत्तर में अपना विजय अभियान जारी रखा। त्रिपुरा में बीजेपी को अजेय बहुत मिलने के बाद सरकार बनना तय है, जबकि नगालैंड में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनाने की दिशा में अग्रसर है।
त्रिपुरा में बीजेपी की जीत बड़ी जीत मानी जा रही है। लंबे अरसे से 'लेफ्ट' की राजनीतिक गढ़ में बीजेपी की इतनी बड़ी जीत से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खफा है। उनका कहना है कि अगर कांग्रेस उनकी बात मान लेती तो त्रिपुरा के नतीजे कुछ और होते।
त्रिपुरा में लेफ्ट का किला ढहने पर ममता बनर्जी ने कहा है कि राहुल गांधी की एक भूल के चलते यह शिकस्त हुई है। ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से त्रिपुरा में गठबंधन के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को नजरअंदाज करने की भूल की।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा में बीजेपी की जीत नहीं, बल्कि माकपा की हार हुई है। उन्होंने दावा किया बीजेपी को 2019 के आम चुनाव में करारी हार मिलेगी।
त्रिपुरा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन को 59 सीटों में से 43 सीटों पर जीत मिली। बीजेपी की झोली में 35 सीटें आयीं जबकि आईपीएफटी आठ सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही। इस गठबंधन ने प्रदेश की सभी सुरक्षित 20 जनजातीय विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है।
त्रिपुरा में बीजेपी को 2013 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 1.5 फीसदी वोट मिले थे और 50 में 49 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। जबकि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 43 फीसदी वोट मिले हैं।
वहीं, वाम मोर्चे को 2013 के चुनाव में कुल 50 सीटें मिली थीं और वह अभी सिर्फ 18 सीटों पर आगे चल रही है। माकपा और भाकपा गठबंधन को 44 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग छह फीसदी कम है। माकपा को अकेले 42.7 फीसदी वोट मिले हैं।
Source : News Nation Bureau