अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया. इस संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक मैं राष्ट्रपति हूं तब तक ईरान परमाणु शक्ति वाला देश नहीं बन पाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ईरान के अस्थिर राष्ट्र होने के दिन खत्म होने वाले हैं. इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले में 80 लोगों के मारे जाने की पुष्टि को भी एक सिरे से खारिज कर दिया. ट्रंप ने कहा कि इस हमले में एक भी अमेरिकी की मौत नहीं हुई है.
ईरान और अमेरिका के रिश्ते काफी समय से तल्खियों भरे रहे हैं. मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनती दिखाई दे रही है. ईरान ने बुधवार को अमेरिकी एयर बेस पर हमला भी किया और 80 लोगों के मरने का दावा किया था. ईरान के इस दावे को एक सिरे खारिज करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को नेशन को संबोधित किया और बताया कि इस हमले में अमेरिकी सैनिकों को कोई भी नुकसान नहीं हुआ है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, ईरान एक बेहतर देश बन सकता है. ईरान में जब तक हिंसा जारी है तबतक वहां शांति और स्थिरता मध्य-पूर्व में स्थापित नहीं हो सकती है. ट्रंप ने आगे कहा कि दुनिया को एकजुट होकर ईरान को यह मैसेज देना होगा कि ईरान की ओर से चलाए जा रहे आतंकी अभियान को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि मध्य-पूर्वी क्षेत्र में नाटो की भूमिका को बढ़ाने की आवश्यकता है. ट्रंप ने कहा कि ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी पूरी दुनिया में सिविल वॉर की स्थिति उत्पन्न कर रहा था, उसकी ऐसी ही हरकतों की वजह से अमेरिका के हजारों सैनिक मारे गए. जब ईरान से इस बारे में बात की गई तो ईरान अमेरिका की मदद करने की बजाए अमेरिका के लोगों की मौत की मांग कर रहा था. ईरान लगातार आतंकी रास्तों पर आगे ही बढ़ता जा रहा था. अगर ईरान न्यूक्लियर डील कर लेता तो वो पूरे इलाके को इसके जरिए नर्क में तब्दील कर देता. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि मौजूदा समय में ईरान का पतन हो रहा है यह दुनिया के लिए अच्छा संदेश है. अब ईरान को परमाणु संपन्न देश बनने की महात्वाकांक्षा छोड़नी होगी. ईरान को आतंकियों और आतंकवाद का समर्थन भी छोड़ना होगा, और हम ईरान के साथ ऐसे समझौते करने की कोशिश करेंगे जिससे कि दुनिया में शांति स्थापित हो सके.
Source : Ravindra Singh