तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी- Telangana State Road Transport Corporation) के कर्मचारियों की हड़ताल का रविवार को 30वां दिन रहा. इसके एक दिन पहले मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कर्मचारियों के काम पर लौटने की अंतिम समय सीमा तय की थी. मुख्यमंत्री ने टीएसआरटीसी के 5,100 मार्गों के निजीकरण की घोषणा करते हुए कर्मचारियों से पांच नवंबर की आधी रात तक काम पर वापस लौटने के लिए कहा था, और ऐसा न होने पर बाकी बचे 5000 मार्गों का भी निजीकरण कर दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें- शादी के लिए तरस रहा है ये 34 साल का बच्चा, पूरा मामला जान पैरों तले खिसक जाएगी जमीन
हड़ताली कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने कहा है कि जबतक उनकी मांगें सरकार नहीं मान लेती, हड़ताल वापस नहीं लिया जाएगा. जेएसी के संयोजक अश्वथाम रेड्डी ने कर्मचारियों से कहा कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कर्मचारियों को साहसी बनने की सलाह दी और कहा कि अपने आत्मसम्मान के साथ समझौता न करें. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी मुख्यमंत्री द्वारा तय की गई समयसीमा पर कर्मचारी काम पर नहीं लौटे थे, और इस बार भी कोई कर्मचारी काम पर नहीं लौटेगा.
ये भी पढ़ें- AUS vs PAK: बारिश की वजह से रद्द हुआ पहला टी20 मैच, ऐरॉन फिंच ने खेली तूफानी पारी
रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है. इस बीच, टीएसआरटीसी के एक औश्र कर्मचारी की हृदयाघात के कारण मौत हो गई. जेएसी के नेताओं ने कहा कि वारंगल जिले के कंडक्टर रविंदर की अवसाद के कारण मौत हो गई. पांच अक्टूबर को हड़ताल शुरू होने के बाद से लगभग 10 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. इनमें से तीन ने आत्महत्या की थी.
ये भी पढ़ें- Video: राजस्थान के भरे बाजार में दौड़ लगाते हुए दुकान में घुसा तेंदुआ, फिर आगे जो कुछ हुआ...
एक अन्य घटनाक्रम के तहत तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव एस.के. जोशी, टीएसआरटीसी के प्रभारी प्रबंध निदेशक सुनील शर्मा और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के आयुक्त लोकेश कुमार को सात नवंबर को अदालत में तलब किया है, जिस दिन हड़ताल पर सुनवाई होनी है.
Source : आईएएनएस