जैसे-जैसे दिन बीतते जा रहे हैं, हाथरस की 'भयावह' घटना में कहानी करवट लेती जा रही है और आरोपियों को अब बीजेपी नेताओं का समर्थन मिलने लगा है. पीड़िता के परिवार के कॉल डिटेल रिकॉर्डस (सीडीआर) से खुलासा हुआ है कि उन्होंने पांच महीने में 104 बार मुख्य आरोपी संदीप सिंह से बात की थी. पुलिस सूत्रों ने कहा कि सीडीआर साबित करता है कि दोनों परिवारों में अच्छी खासी बातचीत हुई है.
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कॉल रिकॉर्ड बताते हैं कि दो फोन नंबरों के बीच 62 आउटगोइंग कॉल और 42 इनकमिंग कॉल, यानी कुल 104 कॉल थे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, पीड़िता के परिवार ने हम सभी से इस जानकारी को छुपाया है इस मामले की जांच करनी होगी और हम इस मुद्दे पर लड़की के भाइयों से पूछताछ करेंगे. पीड़िता के भाई ने स्वीकार किया है कि वह फोन नंबर उसी का है, लेकिन साथ ही उन्होंने आरोपी परिवार के किसी भी सदस्य से बात करने से इनकार किया है.
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वहीं पीड़ित परिवार द्वारा नार्को-टेस्ट से मना करना भी उन्हें संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. एक स्थानीय निवासी ठाकुर सोमेश सिंह ने कहा, यह ऑनर किलिंग का मामला है सरकार ने पुष्टि की है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था मेडिकल रिपोर्ट में भी पाया गया कि दुष्कर्म नहीं हुआ तो कुछ अन्य लड़कों ने उसका गला क्यों घोंट दिया. आरोपी राम कुमार के पिता राकेश कुमार ने कहा कि कथित घटना के समय उनका बेटा एक स्थानीय दूध संयंत्र में ड्यूटी पर था, जहां वह काम करता था.
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उन्होंने कहा, आप दूध संयंत्र में उसकी उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और उपस्थिति रजिस्टर भी देख सकते हैं. वहीं आरोपी संदीप के पिता गुड्डू ने कहा कि उनका बेटा उनकी गायों को पानी दे रहा था, तभी कुछ लोग आए और कहा कि लड़की बेहोश पड़ी है हमने उन्हें लड़की को होश में लाने के लिए पानी भी दिया और कुछ घंटों बाद पुलिस ने मेरे बेटे को गिरफ्तार कर लिया.
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एक अन्य आरोपी लवकुश की मां मुन्नी देवी ने कहा कि जब वह पास के ही एक खेत में काम कर रही थी, तभी कुछ हंगामा हुआ उन्होंने कहा, मैंने वहां जाकर देखा कि लड़की बेहोश पड़ी है मैंने उसे पानी पिलाया, लेकिन बाद में मेरे बेटे को पुलिस ले गई. घटना क्षेत्र यानी बुलगड़ी गांव के आस-पास के कई गांवों में अब ऊंची जाति की पंचायतें हो रही हैं और स्थानीय ठाकुर और ब्राह्मण एकमत होकर चारों आरोपियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया, उसमें दुष्कर्म होने की बात खारिज की गई है, जिससे अभियुक्त पक्ष के लिए अभियान को और मजबूती मिल गई है.
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हाथरस की घटना 14 सितंबर को पीड़िता के एक खेत में काम करने के दौरान हुई थी और आरोपी द्वारा उसे पास के खेत में खींचकर ले जाने और वारदात को अंजाम देने की बात सामने आई थी परिवार ने आरोप लगाया है कि लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसका गला घोंटा गया. पीड़िता के गर्दन की हड्डियों और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटों के कारण उसे अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया.
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रात में ही लड़की के शव का अंतिम संस्कार करवाए जाने के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने की आवाज बुलंद हुई परिजनों ने कहा कि शव का अंतिम संस्कार करने से पहले पुलिस ने उनकी सहमति नहीं ली, शव को देखने तक नहीं दिया.
Source : IANS