Advertisment

डेटा लीक विवाद के बीच भारतीय यूजर्स को लुभा रहा ट्विटर का प्रतिद्वंद्वी 'कू'

एक और विवाद जो इस प्लेटफॉर्म से टकराया है, वह है चीन से निवेश का मुद्दा, क्योंकि प्लेटफॉर्म खुद को 'आत्मनिर्भर एप' के रूप में पेश करता है. हालांकि, कू के सीईओ ने स्पष्ट किया कि चीनी निवेशक, जिसने पहले ब्रांड वोकल में निवेश किया था.

author-image
Shailendra Kumar
एडिट
New Update
Homegrown  vernacular microblogging platform Koo

डेटा लीक विवाद के बीच भारतीय यूजर्स को लुभा रहा ट्विटर का प्रतिद्वंद्व( Photo Credit : IANS)

Advertisment

होमग्रोन, वर्नाक्युलर माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू, जो ट्विटर छोड़ने की चाहत रखने वाले उपयोगकर्ताओं के एक वर्ग के बीच पसंदीदा प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है, ने डेटा लीक विवाद और चीनी निवेश सहित कई विवादों के बीच अपनी पैठ बनाई है. ये मुद्दे ऐसे समय में सामने आए हैं, जब यह प्लेटफॉर्म अपने सिस्टम को उपयोगकर्ताओं के बीच आमने-सामने की स्थिति बनने से रोकने की कोशिश कर रहा है. डेटा लीक मुद्दे पर एक फ्रांसीसी सुरक्षा शोधकर्ता के निष्कर्ष ने इस प्लेटफॉर्म को हिला दिया. शोधकर्ता इलियट एल्डरसन ने गुरुवार को दावा किया कि यह प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता के डेटा को लीक कर रहा था, जैसे जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति वगैरह.

यह भी पढ़ें : राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज, कहा- ये सरकार हम दो, हमारे दो की है

एल्डर्सन ने कहा, "आपने ऐसा किया तो मैंने ऐसा किया. मैंने इस नए कू एप पर 30 मिनट बिताए. एप उनके उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा को लीक कर रहा है : ईमेल, डीओबी, नाम, वैवाहिक स्थिति, लिंग वगैरह." उन्होंने एक उपयोगकर्ता डेटा का स्क्रीन शॉट भी पोस्ट की थी. कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि कोई डेटा लीक हुआ था.

यह भी पढ़ें : संसद में राहुल गांधी दो की बात करते रह गए, एक और उद्योगपति ने कर दिया ये धमाका

राधाकृष्ण ने एक ट्वीट में कहा, "डेटा लीक के बारे में कुछ बातें अनावश्यक रूप से बोली जा रही हैं. कृपया इसे पढ़ें : दिखाई देने वाला डेटा कुछ ऐसा है, जिसे उपयोगकर्ता ने स्वेच्छा से कू पर अपनी प्रोफाइल में दिखाया है. इसे डेटा लीक नहीं कहा जा सकता. यदि आप किसी उपयोगकर्ता की प्रोफाइल पर जाते हैं तो आप इसे देख सकते हैं." एल्डर्सन, जो पहले आधार प्लेटफॉर्म और आरोग्य सेतु ऐप में कथित खामियां बता चुके हैं, ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अपडेट : कू के संस्थापक ने लीक वाली टिप्पणी की. यह झूठ है. मैंने ट्वीट करने से पहले इस बिंदु की जांच की और यह सच नहीं था."

यह भी पढ़ें : आंदोलन तेज करने की मुहिम में जुटे किसान यूनियन

एक और विवाद जो इस प्लेटफॉर्म से टकराया है, वह है चीन से निवेश का मुद्दा, क्योंकि प्लेटफॉर्म खुद को 'आत्मनिर्भर एप' के रूप में पेश करता है. हालांकि, कू के सीईओ ने स्पष्ट किया कि चीनी निवेशक, जिसने पहले ब्रांड वोकल में निवेश किया था, इससे बाहर हो रहा है. राधाकृष्ण ने कहा, "कू भारतीय संस्थापकों की भारत में पंजीकृत एक कंपनी है. इसने 2.5 साल पहले की पूंजी जुटाई थी." कू ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की कि उसने अपनी सीरीज 'ए फंडिंग' के हिस्से के रूप में 41 लाख डॉलर जुटाए हैं.

HIGHLIGHTS

  • प्लेटफॉर्म खुद को 'आत्मनिर्भर एप' के रूप में पेश करता है
  • आधार प्लेटफॉर्म और आरोग्य सेतु ऐप में कथित खामियां : एल्डर्सन
  • 'होमग्रोन, वर्नाक्युलर माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू, जो ट्विटर छोड़ने की चाहत'

Source : IANS/News Nation Bureau

twitter Twitter War Indian Users KOO Koo app कू एप Koo app is foreign कू डेटा लीक विवाद data leak controversy
Advertisment
Advertisment