व्हाट्सएप द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए आईटी नियमों को लेकर भारत सरकार के खिलाफ कोर्ट जाने के बाद, ट्विटर ने गुरुवार को आईटी मंत्रालय से अनुरोध किया कि वह कंपनी को नए दिशानिर्देश को लागू करने के लिए कम से कम तीन महीने के विस्तार पर विचार करे. ज्ञात हो कि कथित कांग्रेस टूलकिट विवाद से संबंधित इस सप्ताह की शुरूआत में दिल्ली और गुरुग्राम में ट्विटर कार्यालयों पर पुलिस ने छापे मारे थे. इस बात पर जोर देते हुए कि कंपनी भारत में लागू कानून का पालन करने का प्रयास करेगी, ट्विटर प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि अभी, 'हम भारत में अपने कर्मचारियों के बारे में हालिया घटनाओं और उन लोगों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संभावित खतरे से चिंतित हैं, जिनकी हम सेवा करते हैं.'
यह भी पढ़ें : ब्लैक फंगस का इंजेक्शन जहां भी मिले भारत लाया जाए... पीएम मोदी एक्टिव
ट्विटर ने अपने कार्यालयों पर पुलिस की छापेमारी के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, 'हम, भारत और दुनिया भर में नागरिक समाज में कई लोगों के साथ, हमारी वैश्विक सेवा की शर्तों को लागू करने के साथ-साथ नए आईटी नियमों के मूल तत्वों के जवाब में पुलिस द्वारा धमकाने की रणनीति के उपयोग के संबंध में चिंतित हैं.' ट्विटर ने अपने ताजा बयान में कहा कि वह विशेष रूप से प्लेटफॉर्म पर सामग्री के लिए एक व्यक्ति (अनुपालन अधिकारी) को उत्तरदायी बनाने, सक्रिय निगरानी की आवश्यकताओं और हमारे ग्राहकों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए व्यापक प्राधिकरण की आवश्यकता के बारे में चिंतित है.
कंपनी ने कहा, 'हम इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय से सार्वजनिक परामर्श के लिए अनुपालन के प्रक्रियात्मक पहलुओं पर इन मानक संचालन प्रोटोकॉल को प्रकाशित करने का आग्रह करते हैं. हम मंत्रालय से नियमों को लागू करने के लिए ट्विटर के लिए न्यूनतम 3 महीने के विस्तार पर विचार करने का अनुरोध करेंगे.'
यह भी पढ़ें : राजनाथ सिंह ने लांच किया SeHAT OPD पोर्टल, 2-DG दवा भी बाजार में आई
सोमवार को दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ट्विटर इंडिया के स्थानीय कार्यालयों पर छापे मारे. इससे पहले, ट्विटर ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को 'मैन्यूपुलेटेड मीडिया' के रूप में चिह्न्ति किया था. प्रवक्ता ने कहा, 'हम भारत सरकार के साथ अपनी रचनात्मक बातचीत जारी रखेंगे और मानते हैं कि सहयोगी ²ष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है. जनता के हितों की रक्षा के लिए निर्वाचित अधिकारियों, उद्योग और नागरिक समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है.'
मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियम, 2021 के तहत 25 फरवरी को भारत के राजपत्र में अधिसूचित नए नियम 26 मई से लागू हुए हैं. व्हाट्सएप ने नए आईटी नियमों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया, यह कहते हुए कि इससे गोपनीयता का उल्लंघन होगा. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार निजता के अधिकार के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही उसे कानून और व्यवस्था बनाए रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी जरूरत है.
यह भी पढ़ें : कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को पत्र लिखकर नए डिजिटल नियमों के अनुपालन पर जल्द से जल्द प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया है. फेसबुक ने कहा है कि कंपनी का लक्ष्य नए दिशानिर्देशों के प्रावधानों का पालन करना है और इस दिशा में काम कर रही है.