उपराष्ट्रपित एम वेंकैया नायडू के बाद अब माइक्र ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया है. बता दें कि ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. नई सोशल मीडिया गाइडलाइंस को लागू नहीं करने को लेकर पिछले कई दिनों से देश में घमासान मचा हुआ है. ट्विटर ने आज सुबह एम.वेंकैया नायडू के ट्विटर हैंडल के ब्लू टिक को हटा दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विवाद बढ़ने की वजह से थोड़ी देर बाद ही ट्विटर ने नायडू के अकाउंट का ब्लू-टिक री स्टोर कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कई महीने से नायडू का अकाउंट एक्टिव नहीं होने की वजह से अनवेरिफाइड कर दिया गया था.
ट्विटर के प्रवक्ता के मुताबिक, हमारी सत्यापन नीति के अनुसार, यदि खाता निष्क्रिय हो जाता है, तो ट्विटर ब्लू टिक को हटा सकता है. फिलहाल ब्लू टिक को वापस बहाल कर दिया गया है. बता दें कि ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक का मतलब वैरिफाइड अकाउंट माना जाता है.
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ट्विटर के मुताबिक, ब्लू वैरिफाइड बैज का मतलब होता है कि अकाउंट जनहित से जुड़ा हुआ है और वास्तविक है. खास बात है कि इस टिक को हासिल करने के लिए ट्विटर अकाउंट सक्रिय और वास्तविक होना चाहिए. फिलहाल ट्विटर सरकारी कंपनियां, ब्रांड और गैर-लाभकारी संगठन, समाचार संगठन और पत्रकार, मनोरंजन, खेल और निर्यात, कार्यकर्ता, आयोजक और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के खास अकाउंट्स को वैरिफाई करता है.
ब्लू टिक क्या होता है ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्विटर का कहना है कि ब्लू टिक पाने के लिए खाता ‘उल्लेखनीय और सक्रिय’ होना जरूरी है. इसके तहत ट्विटर ने छह तरह के खातों की पहचान की है, जिसमें 1) सरकार, 2) कंपनियां, ब्रांड और गैर-लाभकारी संगठन, 3) समाचार, 4) मनोरंजन, 5) खेल, 6) सामाजिक कार्यकर्ता, आयोजक और अन्य प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं. ब्लू वैरिफाइड बैज (ब्लू टिक) का सीधा अर्थ यह है कि वह अकाउंट जनहित से जुड़ा और वास्तविक है. किसी भी व्यक्ति को ब्लू टिक को हासिल करने के लिए ट्विटर अकाउंट का सक्रिय रहना जरूरी है.
Source : News Nation Bureau