कांग्रेस कैबिनेट के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग से हटाए जाने के बाद से दो फाइलों के गायब होने की चर्चा है. ये फाइलें राजनीतिक रूप से काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. इन फाइलों के गायब होने के बाद से पंजाब की सत्ता के गलियारों में खलबली मच गई है. इन फाइलों के गायब होने के बाद तरह-तरह की चर्चाएं छिड़ी हुई हैं वहीं, स्थानीय निकाय विभाग के नए मंत्री फाइलों को ट्रेस करने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं. सीएम ऑफिस ने भी चीफ सेक्रेटरी और विभागीय सेक्रेटरी से फाइलों का पता लगाने के लिए कहा है. कुल मिलाकर अब इस पूरे मामले पर एक बार फिर से पंजाब की राजनीति में हलचल की संभावना है.
सीएम से संबंधित सिटी सेंटर की फाइल भी गायब
गायब हुई इन फाइलों में सबसे महत्वपूर्ण फाइल सिटी सेंटर घोटाले की है, जिसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर लुधियाना की कोर्ट में केस चल रहा है. यह मामला कैप्टन अमरिंदर के पूर्व कार्यकाल के दौरान सामने आया था. 1144 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को लेकर सत्ता बदलते ही बादल सरकार ने विजिलेंस की जांच करवाई और कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत 5 अन्य लोगों पर केस दर्ज करवा दिया.
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विजिलेंस दे चुकी है क्लोजर रिपोर्ट
हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह के दोबारा सीएम बनने के बाद इस केस में विजिलेंस ने क्लोजर रिपोर्ट दे दी थी. कयास लगाए जा रहे हैं कि ये फाइलें नवजोत सिंह सिद्धू के पास हैं जो उन्होंने अभी तक लौटाई नहीं हैं. विभाग के मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने कहा कि उन्होंने विभाग से फाइलों की सूची मांगवाई है जिसके आने के बाद ही इस पर वो कुछ कहेंगे. पंजाब में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से संबंधित फाइल का गायब होने के कारण सूबे में यह चर्चा का विषय बन गया है. उधर, नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले डेढ़ महीने से मीडिया और अन्य लोगों से दूरी बनाई हुई है.
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अब कहां है फाइल?
फाइल नहीं मिलने पर अब इस बात पर बहस छिड़ गई है कि मौजूदा समय में सिटी सेंटर घोटाले से संबंधित फाइल कहां है. क्या सचमुच ये फाइल पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पास है या उनके इस्तीफे की आड़ में यह गायब कर दी गई है. राजनीतिक जानकारों की माने तो इस बात का जवाब तो अब सिद्धू ही दे सकते हैं. कैप्टन अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सिटी सेंटर घोटाले में बुरी तरह से घिर गए थे जिसकी कीमत जनता ने उन्हें गद्दी से हटाकर वसूली थी. इसके अलावा एक और फाइल ग्रैंड मेनर होम्स को लेकर है जिसको सीएलयू लिए बगैर की बनाने की अनुमति दे दी गई. यह प्रोजेक्ट लुधियाना में बनने वाला था जिसके सीएलयू के बिना ही प्रोजेक्ट लगाने की मंजूरी देने की खबर दैनिक जागरण ने प्रकाशित की थी. यह मुद्दा विधानसभा के पिछले सेशन में चर्चा का विषय बना रहा था.
HIGHLIGHTS
- पंजाब की सियासत में फिर से भूचाल
- पंजाब सरकार की कई महत्वपूर्ण फाइलें गायब
- फाइलों को लेकर नवजोत सिद्धू पर हैं सबकी निगाहें