श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर केंद्र और राज्य के बीच आरोप-प्रत्यारोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक- दूसरे पर निशाना साधा. शिवसेना प्रमुख ने आरोप लगाया कि मांग करने के बावजूद रेलवे राज्य को पर्याप्त संख्या में ट्रेनें नहीं उपलब्ध करा रहा है. ठाकरे ने राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए रविवार को कहा कि उन्होंने प्रवासियों को घर पहुंचाने की खातिर राज्य के लिये प्रतिदिन 80 प्रवासी स्पेशल ट्रेनों की मांग की थी, लेकिन उसे सिर्फ 40 ट्रेनें ही मिल रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य ने इन ट्रेनों के लिये 85 करोड़ रुपये अदा किये हैं.
इस पर, गोयल ने एक ट्वीट में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, उम्मीद है कि पहले की तरह ट्रेनों को स्टेशन पर आने के बाद, वापस ख़ाली नहीं जाना पड़े. आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि आपको जितनी ट्रेन चाहिए, वो उपलब्ध होंगी. गोयल ने पहले कुछ मौकों पर स्पेशल ट्रेनों में प्रवासियों के सवार नहीं होने का जिक्र करते हुए यह कहा. गोयल ने एक ट्वीट में कहा, कल हम महाराष्ट्र से 125 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें देने के लिए तैयार हैं. अपने बताया कि आपके पास श्रमिकों की सूची तैयार है. इसलिए, आपसे अनुरोध है कि सभी निर्धारित जानकारी-जैसे कि कहां से ट्रेन चलेगी, यात्रियों की ट्रेनों के हिसाब से सूची, उनका मेडिकल सर्टिफ़िकेट और कहां ट्रेन जानी है, यह सब सूचना अगले एक घंटे में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को पहुंचाने की कृपा करें, जिससे हम ट्रेनों की योजना समय पर बना सकें.
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इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, दुख की बात हैं कि डेढ़ घंटे हो गए हैं, पर महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे के महाप्रबंधक, मध्य रेल को कल की 125 ट्रेनों की निर्धारित जानकारी नहीं दी है. ट्रेन की योजना बनाने में समय लगता है और हम नहीं चाहते कि ट्रेनें स्टेशन पर आकर खाली खड़ी रहें. इसलिए पूरी जानकारी के बिना प्लान करना असंभव है. उन्होंने कहा, मैं आशा करता हूँ कि महाराष्ट्र सरकार हमारे इन श्रमिकों के लाभ के लिए किए गए प्रयास में पूरा सहयोग करेगी.
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इसके कुछ समय बाद एक अन्य ट्वीट में रेल मंत्री ने कहा, ढाई घंटे से अधिक समय गुजर गये हैं, लेकिन अब तक जीएम मध्य रेलवे को महाराष्ट्र सरकार से 125 ट्रेनों का ब्यौरा नहीं मिला है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी श्रमिक विशेष ट्रेनें केंद्र और पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बीच विवाद के मुख्य केंद्र में रही हैं. रेल मंत्री ने इस बात का जिक्र किया था कि इन राज्यों की सरकारें कम संख्या में प्रवासी ट्रेनों को आने की इजाजत दे रही है. वहीं, संबद्ध राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. रेलवे द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में अब तक 513 ट्रेनें पहुंची हैं.