कोरोना वायरस (corona virus) संकट के बीच महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज है. आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग होगी, जिसमें विधान परिषद के चुनाव को लेकर मंथन किया जाएगा. संभावना जताई जा रही है बैठक के बाद उद्धव सरकार राज्य चुनाव आयोग से विधान परिषद की 9 सीटों के लिए चुनाव कराने की सिफारिश कर सकती है. अगर सरकार की मांग को चुनाव आयोग (Election Commission) स्वीकार कर लेता है तो 28 मई से पहले चुनाव हो सकते हैं. क्योंकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 28 मई से पहले विधान परिषद के लिए चुना जाना है. अभी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास भी उद्धव ठाकरे को विधान परिषद के लिए नामित करने का प्रस्ताव लंबित पड़ा है.
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गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. मगर वो अभी तक महाराष्ट्र विधानसभा के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है. संविधान के अनुसार, शपथ लेने के बाद 6 महीने के अंदर ही उस व्यक्ति को किसी भी सदन का सदस्य होना जरूरी है. ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए यह समयसीमा 28 मई तक ही है. इससे पहले उद्धव ठाकरे का महाराष्ट्र विधानसभा के किसी भी सदन का सदस्य चुना जाना जरूरी है, नहीं तो उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में आ जाएगी.
हालांकि मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने के प्रस्ताव को लेकर महा विकास अघाड़ी (MVA) के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी. इससे पहले सोमवार शाम को महाराष्ट्र कैबिनेट ने भी राज्यपाल को दूसरा रिमाइंडर भेजा था, जिसमें उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में नामित करने की अपील की गी. बता दें कि इस संबंध में पहला पत्र 11 अप्रैल को भेजा गया था. मगर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अभी तक मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फैसला नहीं लिया है.
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अगर राज्यपाल इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं तो उद्धव ठाकरे चाहेंगे कि चुनाव आयोग 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के तुरंत बाद विधान परिषद की खाली पड़ी सीटों के लिए चुनाव का ऐलान करें और फिर 28 मई से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी हो सके, ताकि वो मुख्यमंत्री निर्वाचित सदस्य के रूप में सदन के सदस्य बन रह सकें. ऐसा न होने पर उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ेगा और फिर से शपथ लेनी होगी. यहां एक बड़ी मुश्किल यह भी होगी मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद पूरे मंत्रिमंडल को भी इस्तीफा देना पड़ेगा. बाद में दोबारा सभी मंत्रियों को शपथ दिलानी पड़ेगी.
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Source : News State