शिवसेना की लड़ाई फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. कई याचिकाओं के बीच उद्धव ठाकरे के गुट ने सुप्रीम कोर्ट में एक अलग याचिका लगाते हुए चुनाव आयोग की उस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है, जिसमें एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से उनके गुट को असली शिवसेना गुट की मान्यता देने की मांग की है. उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि जबतक बाकी याचिकाओं का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.
ईसी ने दिया है 8 अगस्त तक का समय
चुनाव आयोग ने ठाकरे और शिंदे गुट दोनों का पक्ष सुनने के बाद कहा कि वे दस्तावेजों के साथ यह सबूत दें कि उनके पास शिवसेना के सदस्यों का बहुमत है. चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के गुट द्वारा लिखा गया पत्र और शिंदे गुट को उद्धव ठाकरे गुट द्वारा लिखा गया पत्र भी भेजा है. दोनों गुटों से आयोग ने 8 अगस्त को दोपहर 1 बजे तक तक जवाब मांगा है. शिवसेना पर दावेदारी कर रहे दोनों गुटों से आयोग ने उनके समर्थक विधायकों व सांसदों के अलावा संगठनात्मक इकाइयों में समर्थकों के हस्ताक्षरित पत्र भी मांगे हैं.
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अब सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग
याचिका में उद्धव गुट ने कहा है कि चुनाव आयोग शिंदे खेमे के आवेदन पर कार्रवाई के लिए आगे नहीं बढ़ सकता, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में कार्यवाही लंबित हैं. दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर खुद के असली शिवसेना होने का दावा किया था. शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में अपने साथ शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसदों के होने का दावा किया और कहा कि बहुमत के हिसाब से पार्टी पर उनका अधिकार बनता है. उद्धव ठाकरे खेमे ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिंदे गुट के दावे के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई थी और कहा था कि शिवसेना उनकी पार्टी है, शिंदे गुट ने खुद को पार्टी से अलग किया है. ऐसे में उनका असली शिवसेना होने का दावा निराधार है. उद्धव गुट वाली शिवसेना के महासचिव सुभाष देसाई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की गई है.
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उद्धव ठाकरे ग्रुप
- चुनाव आयोग की कार्रवाई पर रोक की मांग
- असली-नकली शिवसेना को लेकर 8 अगस्त तक का समय