एकनाथ शिंदे सेना के वार-पलटवार के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर इमोशनल कार्ड खेला है. एक तो उन्होंने जिला प्रमुख और तहसील प्रमुखों को संबोधित करते हुए यह कहने से गुरेज नहीं किया कि उन्हें सीएम पद का कोई मोह नहीं है, लेकिन इस पद पर बने रहने की जिद नहीं छोड़ी है. इस बीच शिवसेना ने शिंदे सेना के साथ खड़े कई विधायकों के हस्ताक्षरों को फर्जी बताया है. शिंदे का दावा है कि उनके साथ 40 से ज्यादा शिवसेना विधायक हैं. इस पर उद्धव ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवसेना के लिए मरते दम तक लड़ने का दावा करने वालों ठाकरे नाम के बगैर जी कर दिखाओ.
जिला प्रमुखों की बैठक में खेला ऑनलाइन कार्ड
सीएम उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सियासी घमासान के बीच शुक्रवार को शिवसेना भवन में ज़िला प्रमुखों और तहसील प्रमुखों की बैठक बुलाई थी. इसी बैठक में अपने ऑनलाइन संबोधन में उन्होंने कहा कि मुझे सत्ता का लोभ नहीं है इसलिए मैं सीएम आवास वर्षा छोड़कर मातोश्री में आ गया. हम सबको एक साथ रह कर लड़ना है. मर भी जाएंगे तो शिवसेना नहीं छोड़ेंगे बोलकर कुछ लोग भाग गए. इस बैठक में आदित्य ठाकरे, सांसद विनायक राउत, एमएलसी सचिन अहिर भी शामिल हुए. गौरतलब बात यह है कि शिवसेना के समर्थक जिस संख्या में सेना भवन पहुंचा करते थे वह आज दिखाई नहीं पड़ी. हालांकि एनसीपी के कुछ विधायक यहां समर्थन के लिए पहुंचे. पार्टी के अधिकतर विधायक एकनाथ शिंदे के साथ है.
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आदित्य ठाकरे ने शिंदे पर साधा निशाना
इस बैठक में आदित्य ठाकरे ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी लोग शिवसेना को धोखा दे चुके हैं. उद्धव ठाकरे ने पिछले ढाई साल में जो काम किया है, लोग उस काम का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि, वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो महाराष्ट्र में अखंडता और शांति बनाए रखते हैं लेकिन अफ़सोस की बात है कि ऐसे व्यक्ति को खतरे में डाल रहा है. दो दिन पहले जब हम वर्षा से निकले तो स्टाफ के हर सदस्य की आंखों में आंसू थे.
HIGHLIGHTS
- उद्धव ठाकरे ने सेना भवन में जिला प्रमुखों की बैठक बुलाई
- एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के विधायकों पर उठाई अंगुली
- कहा- शिवसेना और ठाकरे नाम के बगैर जी नहीं सकेगा कोई