भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार को सत्यापित करने के लिये उंगुलियों के निशान और आंखों की पुतलियों (आइरिस स्कैन) के अलावा चेहरे की पहचान को भी शामिल करने की अनुमति दी है।
ऐसा करने से उन लोगों का सत्यापन हो सकेगा जिनका सत्यापन उंगलियों के निशान और आइरिस से नहीं हो पाती थी या परेशानी होती थी।
आधार में ये नया फीचर 1 जुलाई से लागू होगा। दूसरे सत्यापित किये जाने तरीकों के साथ ही ये फीटर फ्यूज़न मोड में होगा।
यूआईडीएआई की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, 'इस सुविधा से उन लोगों के सत्यापन में आसानी होगी जिनकी बायोमेट्रिक सिस्टम से सत्यापन करने में बुढ़ापे या कठिन कार्य करते रहने की वजह से दिक्कत आती है।'
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फिलहाल बायोमेट्रिक सिस्टम से सत्यापन उंगली के निशान और आंख की पुतलियों से होता है। लेकिन इस सुविधा के आने से आधार में एक और विकल्प जुड़ जाएगा।
चेहरे के सत्यापन से आधार में एक और विकल्प जुड़ जाएगा। ये फ्यूज़न मोड में ही उपलब्ध होगा। जो सत्यापन के मौजूदा साधनों- उंगली के निशान और आंख की पुतलियों या ओटीपी के साथ-साथ चेहरे की पहचान का विकल्प जुड़ जाएगा।
हाल ही में यूआईडीएआई ने आधार की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए 'वर्चुअल आईडी +' लाने का ऐलान किया था। ये सुविधा 1 मार्च से शुरू होगी।
वर्चुअल आईडी से सत्यापन के लिए अपना वास्तविक आधार नंबर साझा करने की जरूरत नहीं रहेगी।
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Source : News Nation Bureau