स्मार्टफोनों में आधार के हेल्पलाइन नंबर के अपने आप सेव हो जाने के मामले पर मचे विवाद को लेकर यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने अपनी ओर से एक बयान जारी किया है। यूआईडीएआई ने साफ किया है कि इस विवाद में किसी भी प्रकार की हैकिंग या डेटा चोरी से कोई लेना देना नहीं है। UIDAI ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर अपने निहित स्वार्थ की पूर्ति के लिए लोगों में आधार के खिलाफ डर का माहौल बना रहे हैं।
उन्होंने न सिर्फ बयान जारी किया बल्कि ट्विटर पर भी कई सिलसिलेवार ट्वीट किेए और बताया कि कैसे गूगल की गलती का फायदा कुछ लोग निहित स्वार्थ को पूरा करने के लिए उठा रहे हैं। UIDAI ने कहा कि वह इस तरह की कोशिशों की निंदा करता है।
UIDAI ने अपने बयान में कहा कि हेल्पलाइन नंबर से डेटा को नहीं चुराया जा सकता। गूगल से हुई गलती का इस्तेमाल आधार का विरोध करने वाले लोग डर फैलाने के लिए कर रहे हैं।
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UIDAI ने कहा कि घबराकर या डरकर नंबर को डिलीट करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे कोई नुकसान नहीं होगा। इतना ही नहीं, अथॉरिटी ने लोगों को यह भी सुझाव दिया कि चाहे तो UIDAI के पुराने हेल्पलाइन नंबर को अपडेट कर नए हेल्पलाइन नंबर 1947 को सेव कर सकते हैं।
अथॉरिटी ने अपने बयान में कहा कि आधार विरोधियों ने अफवाह फैलाकर डर का माहौल तैयार किया है। जबकि खुद गूगल ने इस मुद्दे पर सफाई देकर गलती के लिए खेद जताया है।
गौरतलब है कि गूगल ने बयान जारी कर बताया था कि 2014 में उसने UIDAI के पुराने हेल्पलाइन नंबर 18003001947 को गलती से पुलिस/फायर ब्रिगेड के नंबर 112 के साथ सेव किया था।
अथॉरिटी ने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस पर यह अफवाह फैला रहे हैं कि यह नंबर (ऐंड्रॉयड फोन में सेव आधार हेल्पलाइन नंबर) नुकसान पहुंचा सकता है और इससे आधार डेटा चोरी हो सकता है, लिहाजा हेल्पलाइन नंबर को तुरंत डिलीट किया जाना चाहिए। हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि सिर्फ हेल्पलाइन नंबर से डेटा चोरी नहीं हो सकता, इसलिए नंबर को डिलीट करने की आवश्यकता नहीं है।
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Source : News Nation Bureau