रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) के गुरुवार रात भारत पहुंचते ही अमेरिका ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों में गतिरोध पैदा करने वाले देशों को अंजाम भुगतने पड़ेंगे. इसके साथ ही खुले शब्दों में यह भी कहा कि वह रूस से ऊर्जा और दूसरी चीजों का भारत के आयात में तेज बढ़ोतरी नहीं देखना चाहेगा. भारत को अपरोक्ष रूस से चेतावनी भरे शब्दों में यह बात अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दिलीप सिंह (Daleep Singh) ने कही. उन्होंने रूस और चीन (China) के बीच असीमित साझेदारी का जिक्र करते हुए भारत को नसीहत दी कि उसे यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि यदि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का उल्लंघन करता है तो रूस (Russia), भारत की रक्षा करने के लिए दौड़ा चला आएगा. वह विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला सहित भारतीय वार्ताकारों के साथ कई बैठकें करने के बाद बोल रहे थे.
रूसी ऊर्जा का मौजूदा आयात अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं
सिंह ने यह भी कहा कि अमेरिका किसी भी देश को रूसी केंद्रीय बैंक के साथ वित्तीय लेनदेन में शामिल होते नहीं देखना चाहेगा. सिंह ने कहा कि भारत का रूसी ऊर्जा का मौजूदा आयात अमेरिका के किसी प्रतिबंध (रूस के खिलाफ) का उल्लंघन नहीं करता है, क्योंकि अमेरिका ने रूस से ऊर्जा की आपूर्ति को छूट दे रखी है, लेकिन यह भी जोड़ा कि अमेरिका अपने सहयोगियों को 'गैर भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता' पर अपनी निर्भरता घटाने के रास्ते तलाशते भी देखना चाहेगा. रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले अमेरिकी डिप्टी एनएसए दो दिनों की यात्रा पर नई दिल्ली आए. उनकी यह यात्रा यूक्रेन पर रूस हमले को लेकर मास्को की आलोचना नहीं करने के भारत के रुख पर पश्चिमी देशों में बेचैनी बढ़ने की पृष्ठभूमि में हुई है.
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अमेरिका भारत की हर मदद को तैयार
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'हम डॉलर आधारित वित्तीय प्रणाली की अनदेखी करने वाले तंत्र या हमारे वित्तीय प्रतिबंधों में गतिरोध उत्पन्न करने वाले तंत्र को नहीं देखना चाहेंगे.' उन्होंने कहा, 'हम यह नहीं देखना चाहेंगे कि रूस से भारत के आयात में तीव्र वृद्धि हो क्योंकि यह ऊर्जा या किसी अन्य निर्यात से जुड़ी होगी जिस पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है या जिस पर अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हैं.' सिंह ने रूस से रियायती दर पर तेल खरीदने के भारत के फैसले के बारे में पूछे जाने पर यह कहा. उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत की ऊर्जा और रक्षा उपकरणों की जरूरत को पूरा करने में मदद करने को तैयार है. उन्होंने कहा, 'रूस ने कहा है कि चीन उसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण साझेदार है, जिसका भारत के लिए वास्तविक निहितार्थ है.' दिलीप सिंह ने जोड़ा कि चीन के साथ इस संबंध में रूस जूनियर साझेदार होने जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- अमेरिका के डिप्टी एनएसए दिलीप सिंह ने रूस संबंधों पर दिया बयान
- रूस से उर्जा आयात अमेरिका द्वारा थोपे गए प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं
- अमेरिका भारत की ऊर्जा और रक्षा संबंधी जरूरतों में मदद को है तैयार