Ukraine Russia Conflict: ऑपरेशन गंगा के तहत भारत की ओर से यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने का अभियान जारी है. इस बीच यूक्रेन से भारत लौटे छात्र वहां उनके साथ हुए सलूक की कहानी बता रहे हैं. इस बीच यूक्रेन से भारत पहुंचे छात्रों ने बताई आपबीती। यूक्रेन के लोकतंत्र और उदारवाद को किया बेनकाब, कई किलोमीटर तक चलना पड़ा पैदल, सीमा पर खाना तक नहीं दिया गया, कंधे पर बंदूक रखकर हवा में गोलियां चलाई गई, मेडिकल स्टूडेंट को डराया गया और रंगभेद और नस्लभेद किया गया। भारतीय छात्रों से बदसलूकी हुई लड़कियां तक बहुत डरी हुई थी। सबसे पहले सफेद रंग की चमड़ी वाले यूरोप के बच्चों को बाहर जाने की देते थे इजाजत, गेहुआ रंग होने की वजह से भारतीयों के साथ होती थी बदसलूकी, ब्लैक स्किन के नाम पर अफ्रीका के बच्चों के साथ किया जा रहा है बर्बर व्यवहार।
ऐसे 200 उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राएं अभी तक भारत पहुंच चुके हैं
यह सभी स्टूडेंट उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। ऐसे 200 उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राएं अभी तक भारत पहुंच चुके हैं। यूपी सरकार की तरफ से लड़कों को गाड़ियों के जरिए और दूर रहने वाली लड़कियों को अपने खर्च पर फ्लाइट के जरिए घर तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं, यूक्रेन के खारकीव में मंगलवार सुबह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान हुई गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, " दुख के साथ हम पुष्टि करते हैं कि आज सुबह खारकीव में गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई। मंत्रालय उसके परिवार के संपर्क में है।" उन्होंने यह भी कहा, "हम परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।" भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला रूस और यूक्रेन के राजदूतों से भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए बात करेंगे। अभी भी छात्र खारकीव और अन्य संघर्ष क्षेत्रों में फंसे हुए हैं।
Source : Rahul Dabas