Ukraine Russia War: यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े युद्ध ( Ukraine Russia War ) को डेड महीने से ऊपर का समय हो गया है. बावजूद इसके सुलह का कोई रास्ता निकलता नजर नहीं आ रहा है. हालांकि इस दौरान दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता भी हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इस बीच रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव समेत कई शहरों को बिल्कुल बर्बाद कर दिया है. हां यूक्रेन और रूस के युद्ध को लेकर जारी वैश्विक तनाव के दौर में दुनिया ने भारत की ताकत का ट्रेलर जरूर देखा है. वो भारत ही है, जिसके कहने ने पर रूस ने कुछ समय के लिए सीजफायर घोषित कर दिया था, क्योंकि भारत को ऑपरेशन गंगा ( Operation Ganga ) के तहत यूक्रेन में फंसे अपने छात्रों को निकालना था. यही वजह है कि आज यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व इस युद्ध में भारत की मध्यस्थता जा रहा है.
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी को लेकर बातचीत की
भारत और रूस के रिश्ते कितने मजबूत हैं, इस बात का अंदाजा विदेश मंत्री एस जयशंकर ( External Affairs Minister S Jaishankar )के उस बयान से लगाया जा सकता है जो उन्होंने संसद में दिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि आखिर कैसे एक दिन प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन ( Russian President Putin ) को फोन मिलाया और यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी को लेकर बातचीत की. जयशंकर ने बताया कि हाल ही में भारत आए एक अन्य देश के विदेश मंत्री ने उनको बड़े गर्व के साथ बताया कि कैसे उन्होंने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए दो हवाई जहाजों को लगाया था. बातचीत के दौरान जब उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा कि भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए कितने हवाई जहाजों को लगाया था, तो जवाब सुनकर वो हैरान थे. क्योंकि जयशंकर ने बताया कि उन्होंने यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए 90 विमानों को लगाया था.
तिरंगा झंडा लगाया तो रूसी सेना ने वहां पर एयर स्ट्राइक नहीं की
आपको बता दें कि लड़ाई के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीयों ने जब अपने मकानों पर तिरंगा झंडा लगाया तो रूसी सेना ने वहां पर एयर स्ट्राइक नहीं की. यहां तक कि हाथ में तिरंगा लेकर चलने वाले भारतीयों की रूसी सैनिक मदद करते नजर आए. हैरानी तो तब हुई जब अपनी जान बचाने के लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों ने तिरंगा झंडे का इस्तेमाल किया. यह बात किसी और ने नहीं, बल्कि यूक्रेन से भारत लौटे छात्रों ने मीडिया और सरकार के साथ साझा की.
Source : News Nation Bureau