Exclusive : अयोध्या आंदोलन का हिस्सा होने पर मुझे गर्व है- उमा भारती

राम मंदिर बनने के साथ ही अब बाबरी ढांचा ध्वंस मामले को खत्म करने की भी मांग उठने लगी है. 28 साल पुराने इस केस को खत्म करने की मांग के साथ अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. न्यूज नेशन के स्पेशल कार्यक्रम देश की बहस में उमा भारती शामिल हुईं.

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Yogendra Mishra
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उमा भारती।( Photo Credit : फाइल फोटो)

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राम मंदिर (Ram Temple) बनने के साथ ही अब बाबरी ढांचा ध्वंस मामले को खत्म करने की भी मांग उठने लगी है. 28 साल पुराने इस केस को खत्म करने की मांग के साथ अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. न्यूज नेशन के स्पेशल कार्यक्रम देश की बहस में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती (Uma bharti) शामिल हुईं. इस कार्यक्रम में उन्होंने राम मंदिर और बाबरी ढांचा विध्वंस मामले से जुड़े केस पर भी अपनी राय रखी. उमा भारती ने कहा कि जल्द ही राम मंदिर निर्माण शुरू होने वाला है. मेरे लिए यह बेहद आनंद का क्षण है जिसके लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है.

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उमा भारती ने कहा कि राम मंदिर का शिलान्यास होना मेरे लिए इतनी खुशी की बात है कि अगर 5 अगस्त के बाद में इस दुनिया में न रही तो मेरे लिए कोई दुख की बात नहीं होगी. उन्होंने बाबरी ढांचा विध्वंस केस पर कहा कि जिन 6 लोगों पर यह केस चलाया जा रहा है मैं भी उनमें से एक हूं. आडवाणी जी महापुरुषों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई कोर्ट ने अपना पक्ष रखने का अवसर दिया है.

8 वर्ष की उम्र से शुरू किया था प्रवचन

उमा भारती ने कहा कि जब मैं 8 वर्ष की थी तभी से मैं प्रवचन करने लगी थी. अयोध्या में कई लोगों ने कहा इस बच्ची का प्रवचन बहुत सुंदर है. हमने अयोध्या के 12 जिलों की हदबंदी की जिसमें मैं भी शामिल थी. 21 अक्टूबर 1989 में कारसेवकों का गठन हुआ था. कारसेवकों ने बहुत कुछ सहा है. कारसेवकों ने मुलायम सरकार की गोलियों को भी सहा है.

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6 दिसंबर का दिन मेरे जीवन का गौरव

उमा भारती ने कहा कि बाबरी ढांचे को बाबर के सेनापति ने बनवाई थी. इस वजह से इस्लामिक दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण नहीं कहा जा सकता. इसके विध्वंस का मामला कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो हमें स्वीकार होगा. अयोध्या आंदोलन को लेकर अपनी भागीदारी को लेकर मैंने कभी भी खेद व्यक्त नहीं किया है बल्कि मैं हमेशा इस काम के लिए गौरवान्वित हुई हूं. ये गौरव इतना बड़ा है कि अगर मुझे इस मामले में सजा भी हो जाती है तो मुझे गर्व ही होगा.

उन्होंने कहा कि जो लोग 6 दिसंबर को राष्ट्रीय शर्म बताते हैं तो 6 दिसंबर को जो घटा वो राष्ट्रीय शर्म तब होगा जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा. जब सिख समुदाय का नर संहार किया गया, जब केरल में बछड़े को सड़क पर काट कर खाया गया और जब भगवा को आतंकी बनाने की साजिश की गई तब राष्ट्रीय शर्म का दिन नहीं था? मैं 1 दिसंबर से लेकर 6 दिसंबर तक 1992 में अयोध्या में थीं. मैं अयोध्या आंदोलन का हिस्सा रही थी.

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