लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रोजगार का मुद्दा केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा था. रोजगार के आंकड़ों पर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रही थी. वहीं अब रोजगार के मोर्चे पर केंद्र सरकार के लिए बड़ी खुशखबरी आ रही है. इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) की रिपोर्ट की मानें तो भारत में बेरोजगारी की दर दुनिया में सबसे कम है. इस रिपोर्ट के आने के बाद सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर राहत मिलती हुई दिख रही है. हालांकि सरकार इस आंकड़ें से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है.
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भारत में बेरोजगारी की दर 3.5 फीसदी
श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने राज्यसभा में बुधवार को यह जानकारी दी है. प्रश्नकाल में गंगवार ने कहा कि आईएलओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बेरोजगारी की दर 3.5 प्रतिशत है. वहीं चीन में यह दर 4.7 प्रतिशत जबकि एशिया महाद्वीप में 4.2 फीसदी है. मंत्री ने यह भी कहा कि बेरोजगारी को लेकर लोकसभा चुनावों से पहले दिया गया आंकड़ा सही नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि ILO रिपोर्ट में भारत को दुनिया में सबसे कम बेरोजगारी दर वाला देश बताया गया है.
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भारत की स्थिति दूसरे देशों से बेहतर है, लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं. गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री सुधारों की बात कर रहे हैं. देश में नौकरियों की कमी नहीं है, लेकिन लोग स्थाई और सरकारी नौकरी चाहते हैं.
संगठित क्षेत्र में हर साल 1 करोड़ रोजगार पैदा हुए
असंगठित सेक्टर में घटती नौकरियों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हमारे पास असंगठित क्षेत्र में इस तरह की कमी के बारे में कोई जानकारी नहीं है. जब से सरकार सत्ता में आई है, वह इस क्षेत्र में ज्यादा सक्रियता से काम कर रही है. रोजगार पैदा करने के लिए सरकार बहुत सक्रिय है. उन्होंने कहा कि संगठित क्षेत्र में हर साल 1 करोड़ रोजगार पैदा हुए हैं.
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डी कैटिगरी के पदों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया खत्म
उनसे यह सवाल भी पूछा गया कि सरकारी नौकरियों की कुछ कैटिगरी के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया खत्म करने का फायदा क्या वाकई बेरोजगारों को मिल रहा है. इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि डी कैटिगरी के पदों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया खत्म की गई है और इसका फायदा हो रहा है. करीब 10-12 प्रतिशत पद हर साल खाली हो रहे हैं और हम उन्हें भरने की प्रक्रिया में हैं. इस प्रक्रिया में जॉब ऑफर करने में 1 साल लगता है.
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गंगवार ने आगे बताया, 'पिछले 5 सालों में UPSC और SSE के तहत 2,45,470 सरकारी नौकरियां निकाली गईं. इसके अलावा, सरकार पदों को भरने के लिए एजेंसियां भी नियुक्त कर रही है. हमारा प्रयास रहता है कि हम समय-समय पपर नियुक्तियों के बारे में जानकारी देते रहें.