Uniform Civil Code : देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की चर्चा तेज हो गई है. भारत के विधि आयोग ने 30 दिन अंदर यूसीसी (UCC) पर देश के सभी धार्मिक संगठनों से राय मांगी है. यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code Bill) के तहत विवाह, तलाक, भरण-पोषण, विरासत और बच्चा गोद लेने आदि में सभी समुदाय के लोगों को एक समान अधिकार मिलेगा. यूसीसी (UCC Bill) को लेकर कांग्रेस (Congress) का भी स्टैंड सामने आ गया है.
समान नागरिक संहिता पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि एक चिंता है जो डर का आधार है कि विभिन्न समुदाय द्वारा मिले अधिकारों का हनन हो सकता है. हमें पहले यह देखना है कि केंद्र सरकार का आखिर क्या प्रस्ताव है? अभी तक सरकार ने ड्राफ्ट नहीं रखा है और न ही हितधारकों के साथ किसी भी तरह की कोई चर्चा शुरू की है, इसलिए कांग्रेस पार्टी ने फैसला लिया है कि वह तब तक कुछ नहीं कहेगी जब तक ड्राफ्ट सामने नहीं आता... हमें हिंदू कोड बिल लाने के लिए भी आजादी के बाद 9 साल लगे और इसलिए लोगों को समझाने में समय लगता है.
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एक चिंता है जो डर का आधार है कि विभिन्न समुदाय द्वारा मिले अधिकारों का हनन हो सकता है। हमें पहले यह देखना है कि आखिर सरकार का प्रस्ताव क्या है। सरकार ने अभी तक ड्राफ्ट नहीं रखा है और न ही हितधारकों के साथ किसी भी तरह की कोई चर्चा शुरू की है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने फैसला लिया है… pic.twitter.com/40bVwEG3w0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2023
आपको बता दें कि हाल ही पीएम नरेंद्र मोदी के यूसीसी पर दिए गए बयान के बाद देश में इस मुद्दे पर चर्चा छिड़ गई है. यूसीसी को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध जताया है. इसे लेकर उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई दलों के प्रमुखों से मुलाकात की है. मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि जब संसद में यूनिफॉर्म सिविल कोड बहस के लिए आएगा तब इस मामले पर कांग्रेस संज्ञान लेगी.
Source : News Nation Bureau