Uniform Civil Code : देश में एक बार फिर से समान नागरिक संहिता पर खूब बहस छिड़ गई है. AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की जरूरत नहीं है. गोवा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी मुसलमानों को पंचिंग बैग नहीं बना सकता है. इस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने रविवार को असदुद्दीन ओवैसी पर पटलवार किया है.
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में पत्रकारों से कहा कि अगर समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगी है तो बहुविवाह प्रणाली जारी रहेगी. एक पुरुष एक महिला के मौलिक अधिकारों को कम करते हुए 3-4 बार शादी करेगा. हमारी मुस्लिम महिलाओं के हित के लिए समान नागरिक संहिता लागू की जानी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि मैं जितने भी मुस्लिम मिला सब लोग चाहते हैं कि UCC आए. कोई मुस्लिम लड़की नहीं चाहती है कि मेरा पति 3-3 पत्नी लेकर आए. फिर सवाल यह उठता है कि असदुद्दीन ओवैसी एवं देश की कुछ और हस्तियां देश में एक कानून क्यों नहीं चाहते हैं?
आपको बता दें कि इससे पहले ओवैसी ने कहा था कि गोवा में जो सिविल कोड है, वो कैसा सिविल कोड है? गोवा में अगर कोई हमारा हिंदू व्यक्ति शादी करता है और उसकी पत्नी की उम्र 25 से 30 वर्ष हो जाती है. उसको बेटा नहीं हुआ तो वो फिर विवाह कर सकता है. इस पर अब क्या बोलेंगे भाजपा वाले. आपकी वहां पर सरकार है. देश 'इस्लामिक कानून' से चलेगा या संविधान से?
Source : News Nation Bureau