देश में टीबी से पीड़ित रोगियों की पोषण संबंधी सहायता के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 600 करोड़ रुपये आवंटित किए। जेटली ने 2018-19 का बजट पेश करते हुए कहा, 'टीबी रोगियों के पोषण के लिए सरकार ने सहायता स्वरूप 600 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है।"
उन्होंने कहा, 'देश में जिन भी टीबी रोगियों का इलाज चल रहा है, उन्हें 500 रुपये दिए जाएंगे।'
सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की घोषणा भी की।
लोकसभा में पेश केंद्रीय बजट में वित्त वर्ष 2017-18 में स्वास्थ्य और परिवार सुरक्षा के लिए आवंटित 47,353 करोड़ रुपये की राशि में 11.5 फीसदी की वृद्धि कर वित्त वर्ष 2018-19 में 52,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र जुड़े विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य बजट का स्वागत किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में वित्त वर्ष 2017-18 के 1000 करोड़ रुपये में दोगुनी वृद्धि करते हुए वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
जेटली ने 2018-19 का आम बजट पेश करते हुए कहा, 'अब हम देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू कर रहे हैं।'
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जीवन बीमा योजना के तहत सभी गरीब परिवारों को शामिल किया गया है, और निवारक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा दिया गया है। स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के कॉन्सेप्ट को लागू करने के लिए निजी क्षेत्र के संगठनों से योगदान की मांग की गई है।
भारत में टीबी गंभीर समस्या के रूप में उभर रहा है। साल 2016 में 423000 लोग टीबी के कारण अपनी जान गंवा बैठे थे।
पिछले साल 2017 में अक्टूबर में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी की गयी रिपोर्ट के मुताबिक भारत उन सात देशों की लिस्ट में शामिल था जहां ,टीबी के सबसे ज्यादा मरीज है।
2016 में विश्वभर में 104 मिलियन टीबी के मामले सामने आये थे।
सरकार ने मार्च 2017 में, टीबी के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय सामरिक योजना के रिलीज के साथ बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई का नवीकरण किया था।
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टीबी की रोकथाम और देखभाल के लिए वित्त पोषण 2016 में $ 280 मिलियन से 2017 में 525 मिलियन डॉलर हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 में दुनिया-भर में टीबी के 1.04 करोड़ नए मामले सामने आए, जिसमें 64 फीसदी के साथ सात देशों में भारत पहले नंबर पर है।
इसकी वजह से भारत में करीब 4.23 लाख मौतें दर्ज की गई। डब्ल्यूएचओ की वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2017 के अनुसार भारत, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस, पाकिस्तान , नाजीरिया और साउथ अफ्रीका में इससे गंभीर रूप से प्रभावित है।
भारत के अलावा चीन और रूस में 2016 में दर्ज किए मामलों में करीब आधे 4,90,000 मामलें मल्टीड्रग-रेसिस्टैंट टीबी के है।
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(इनपुट- आईएएनएस)
Source : News Nation Bureau