मोदी कैबिनेट ने बुधवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एससी/एसटी आरक्षण (SC/ST Reservation) के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एससी/एसटी आरक्षण 25 जनवरी को खत्म हो रहा था लेकिन अब इसे 10 साल के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. बताया जा रहा है कि मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में ही इसे पारित कराने के मूड में है. 1960 से यह प्रक्रिया लगातार दोहराई जा रही है.
संविधान की धारा 334 में आरक्षण का प्रावधान किया गया था. तब यह प्रावधान केवल दस साल के लिए किया गया था, लेकिन यह हर दस साल के लिए बढ़ाया जाता रहा है. पिछली बार 2009 में यह प्रस्ताव पारित हुआ था, जो 25 जनवरी 2020 तक के लिए लागू है. वर्तमान हालात में विपक्ष मोदी सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाता रहा है. जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार बोल चुके हैं कि उनके रहते आरक्षण खत्म नहीं हो सकता है.
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एससी-एसटी उत्पीड़न पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर भी मोदी सरकार पर तमाम आरोप लगाए गए थे. बाद में मोदी सरकार को संविधान संशोधन विधेयक लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना पड़ा था, जिसका राजनीतिक रूप से बीजेपी को मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारी नुकसान भी हुआ था. ऐसे में आरक्षण की समयावधि बढ़ाने का बड़ा राजनीतिक महत्व होगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो