केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल के बारे में पत्र लिखा है, उनसे सरकार और डॉक्टरों के बीच चल रहे मौजूदा गतिरोध को सुलझाने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने को कहा है.
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में इंटर्न डॉक्टर से मारपीट के बाद शुरू हुई हड़ताल की आंच अब दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों तक पहुंच गई है. दिल्ली में कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने बंगाल के डॉक्टरों का समर्थन करते हुए शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए हैं. दिल्ली, बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों ने काम करने से मना कर दिया है. कई शहरों में डॉक्टर सड़क पर उतर कर अपना विरोध जताते हुए नारेबाजी कर रहे हैं. हालांकि राजस्थान के डॉक्टर दो घंटे ओपीडी बंद रखने के बजाय काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जता रहे हैं.
वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय में पीपुल फॉर बैटर ट्रीटमेंट के कुणाल साहा ने एक जनहित याचिका दाखिल की है. जिसमें उन्होंने डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध घोषित करने, डॉक्टरों और डॉक्टरों की हड़ताल पर पश्चिम बंगाल द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं इसका विवरण अगले शुक्रवार तक मांगा है. मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते होगी, न्यायालय ने डॉक्टरों को हड़ताल खत्म करने के लिए अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया और पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि वह डॉक्टरों को वापस काम पर आने के लिए मनाए.
HIGHLIGHTS
- स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ममता को लिखी चिट्ठी
- पश्चिम बंगाल के 300 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
- दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने किया बंद का आह्वान