J&K Assembly Election...तो इसलिए नहीं हो रहे हैं जम्मू-कश्मीर में चुनाव

जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया में हो रही देरी से पर्दा उठाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मतदाता सूची तैयार होते ही जम्मू-कश्मीर में पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव कराए जाएंगे.

author-image
Iftekhar Ahmed
एडिट
New Update
Home minister Amit Shah

J&K; assembly Electio...तो इसलिए नहीं हो रहे हैं जम्मू-कश्मीर में चुनाव( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया (J&K assembly Election) में हो रही देरी से पर्दा उठाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home minister Amit Shah) ने कहा है कि मतदाता सूची तैयार होते ही जम्मू-कश्मीर में पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव (J&K assembly Election) कराए जाएंगे. शाह ने कहा कि जिस तरह से क्षेत्र में परिसीमन किया गया है, उसमें लोगों की पसंद के प्रतिनिधि चुने जाएंगे. "जैसे ही मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरा होगा, जम्मू-कश्मीर में पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव होंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले परिसीमन इस तरह से किया जाता था कि चाहे आप कुछ भी कर लो केवल तीन परिवारों के प्रतिनिधि चुने जाएं. शाह ने कहा कि इस बार चुनाव आयोग ने जो परिसीमन किया है. इससे आपके अपने प्रतिनिधि चुनाव जीतेंगे और शासन करेंगे.

शाह ने जम्मू-कश्मीर की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन बारामूला में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सरकार का चुनाव करने के लिए विधानसभा चुनाव 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 और 35A के निरस्त होने के बाद से लंबित है. केंद्र ने क्षेत्र की विशेष स्थिति को निरस्त करते हुए कहा था कि सही समय पर जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा और परिसीमन के बाद चुनाव कराए जाएंगे. लिहाजा, परिसीमन आयोग के आदेश 20 मई से प्रभावी थे, केंद्र ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की शक्तियों का उपयोग करते हुए यह कदम उठाया था. 

यह भी पढ़ेंः कश्मीर में गरजे शाह, वे हमें पाकिस्तान से बात करने के लिए कहते हैं, मैं कहता हूं...

अंतिम परिसीमन आदेश के अनुसार, जम्मू में 90 विधानसभा क्षेत्रों में  और 43 जम्मू क्षेत्र का हिस्सा होगा और 47 कश्मीर क्षेत्र हिस्सा होगा. परिसीमन अधिनियम, 2002 की धारा 9 (1) (ए) और जम्मू और कश्मीर की धारा 60 (2) (बी) के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए होगा. पुनर्गठन अधिनियम, 2019 परिसीमन आयोग को 2011 की जनगणना के आधार पर जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन के भाग-V के प्रावधानों के अनुसार जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का काम सौंपा गया था. अधिनियम, 2019 (2019 का 34) और परिसीमन अधिनियम, 2002 (2002 का 33) के प्रावधान. इससे पहले शाह ने श्रीनगर में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की.

यह भी पढ़ेंः Nobel Prize 2022: तीन वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए संयुक्त रूप से मिला रसायन का नोबेल

बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिनमें जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, सेना, अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और नागरिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारी शामिल थे. केंद्र शासित प्रदेश की अपनी यात्रा को समाप्त करने से पहले शाह दोपहर करीब साढ़े तीन बजे श्रीनगर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास भी किया. इससे पहले मंगलवार को गृह मंत्री ने कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर का दौरा किया भी किया था. जहां उन्होंने पूजा-अर्चना की. मोदी सरकार 2.0 में गृह मंत्री नियुक्त किए जाने के बाद शाह (Union Home minister Amit Shah) की पवित्र मंदिर की यह पहली यात्रा थी. उनकी यात्रा के दौरान उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी थे. चल रहे नवरात्रि उत्सव के नौवें दिन के साथ हुआ.

Source : News Nation Bureau

amit shah Home Minister Amit Shah Amit Shah News amit shah jammu kashmir visit Amit Shah in Kashmir amit shah in jammu kashmir amit shah kashmir visit amit shah jammu kashmir amit shah jammu and kashmir amit shah minister
Advertisment
Advertisment
Advertisment