पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लई ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। पिल्लई ने कहा कि जब वो इंचार्ज हुआ करते थे तो गृह मंत्रालय के कुछ कर्मचारी नार्थ ब्लॉक वाले ऑफिस में पोर्न देखा करते थे।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की इस हरकत की वजह से कम्प्यूटरों पर मॉलवेयर डाउनलोड हो जाता है और पूरे कम्प्यूटर नेटवर्क की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती थी।
जीके पिल्लई ने यह खुलासा ऐसे वक्त में किया है, जब हाल ही में 10 सरकारी वेबसाइट्स ने काम करना बंद कर दिया था। इनमें गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट्स भी शामिल थीं।
शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इन साइटों को हैक किया गया है, लेकिन सरकार ने साफ किया कि यह कोई साइबर हमला नहीं, बल्कि तकनीकी खामी है।
जिन साइटों पर असर पड़ा, उनमें श्रम मंत्रालय, चुनाव आयोग और ईपीएफओ भी शामिल हैं। इन सभी साइटों को नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर होस्ट करता है। एनआईसी को इस संदिग्ध हैकिंग की जांच के आदेश दिए गए थे।
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पिल्लई ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'आठ-नौ साल पहले जब मैं केंद्रीय गृह सचिव हुआ करता था तो हर दो महीने पर सभी कम्प्यूटरों में गड़बड़ी मिलती थी।'
पूर्व केंद्रीय गृह सचिव के मुताबिक, जब सीनियर अधिकारी बैठकों में व्यस्त होते थे तो नीचे के कर्मचारियों के पास बहुत सारा वक्त होता था। वो मीटिंग के बाद होने वाले काम के लिए इंतजार करते थे।
उन्होंने कहा, 'तो वे क्या करते? वे इंटरनेट पर पोर्न साइट्स पर जाते और वो सभी चीजें डाउनलोड कर लेते जिनकी वजह से सिस्टम में मालवेयर डाउनलोड हो जाता।'
जीके पिल्लई ने कहा कि मंत्रालय ने कई निर्देश जारी किए और बाद में जब विस्तृत समीक्षा की गई तो कर्मचारियों की इस हरकत का पता चला।
यूपीए 2 के कार्यकाल में जब चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री हुआ करते थे उस वक्त पिल्लई गृह सचिव थे और वह जून 2011 में रिटायर हुए थे।
बता दें कि मालवेयर (एक तरह का वायरस) एक खास किस्म का सॉफ्टवेयर होता है, जिसे बनाने का मकसद कम्प्यूटर सिस्टम को बाधित करना, नुकसान पहुंचाना या उनमें अनधिकृत प्रवेश करना होता है।
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Source : News Nation Bureau