कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रवैये पर सवाल उठाये है. कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह करने की अपील की. अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के 15वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर कानून मंत्री ने कहा, 'शहरी नक्सली का केस दो महीने में हो जाता है, हमारे राम लला का विवाद 10 साल से विलंब हो रहा है, सुप्रीम कोर्टअपील दस साल से पेंडिंग है. इसपर सुनवाई क्यों नहीं होती है?'
इस मुद्दे पर कानून मंत्री ने आगे कहा, 'मैं अपील करना चाहूंगा, कानून मंत्री के रूप में नहीं, नागरिक के रूप में, इसमें इतना सबूत है कि अच्छी बात हो सकती है, लेकिन जब लोग मेरे पास आते हैं और पूछते है, अडल्ट्री का केस 6 महीने में हो जाता है, सबरीमाला 56 महीने में हो जाता है तो अयोध्या मामले पर क्यों नहीं.'
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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है, तो वहीं अभी रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जनवरी, 2019 में सुनवाई करेगा. आज से 26 साल पहले अयोध्या में छह दिसंबर को लाखों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था. उग्र भीड़ ने तकरीबन पांच घंटे में विवादित ढांचे को तोड़ दिया. इसके बाद देश भर में सांप्रदायिक दंगे हुए और इसमें कई बेगुनाह मारे गए थे.
Source : News Nation Bureau