मध्य प्रदेश में राहुल गांधी के भाषण और किसानों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर अरुण जेटली ने पलटवार किया है।
एम्स से कि़डनी ट्रांसप्लांट कर फिलहाल स्वास्थ्य लाभ कर रहे जेटली ने ब्लॉग लिखकर कांग्रेस प्रेसिडेंट पर निशाना साधा है।
फेसबुक पर 'उन्हें कितना पता है?' शीर्षक से लिखे गए ब्लॉग में जेटली ने कहा कि जब कभी भी मैं राहुल गांधी को सुनता हूं, (संसद के भीतर या बाहर), मैं खुद से पूछता हूं कि 'वह कितना जानते हैं? और वह कब जानेंगे?'
जेटली ने कहा, 'जब मैंने मध्य प्रदेश में दिए गए उनके भाषण को सुना तो मुझे जिज्ञासा हुई कि क्या उन्हें पूरी जानकारी नहीं दी जाती है या फिर वह तथ्यों के साथ यूं ही बर्ताव करते हैं?'
जेटली ने राहुल गांधी के भाषण में लगाए गए आरोपों का बिंदुवार ढंग से जवाब दिया।
राहुल गांधी ने मंदसौर में भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश के 15 शीर्ष उद्योगपतियों का करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किए जाने का आरोप लगाया था।
जेटली ने कहा, 'तथ्यों के आधार पर यह पूरी तरह से झूठ है।' उन्होंने कहा कि सरकार ने किसी भी उद्योगपति का एक रुपये का भी कर्ज माफ नहीं किया है। बल्कि जो भी लोन दिए गए, यूपीए की सरकार के दौरान दिए गए।
राहुल के दूसरे आरोप, 'किसानों के लिए कर्ज नहीं बल्कि उद्योगपतियों के लिए हैं' का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि यह भी पूरी तरह से झूठ है।
उन्होंने कहा कि यूपीए के कार्यकाल विशेषकर यूपीए 2 के दौरान जो कर्ज दिए गए, वह आज की तारीख में एनपीए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, '2014 के बाद से हम लगातार इन रुपयों को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।'
राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने दो डायमंड ज्वैलर्स को 35,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया, जो अब देश छोड़कर भाग चुके हैं।'
जेटली ने इस आरोप को भी झूठा बताया।
उन्होंने कहा कि बैंकिंग फ्रॉड की शुरुआत 2011 में शुरू हुई, जब यूपीए 2 सत्ता में थी। इनकी पहचान एनडीए के कार्यकाल में शुरू हुई।
मंदसौर में किसानों पर हुई गोलीबारी की पहली बरसी पर पिपलियामंडी में आयोजित किसान समृद्घि और श्रद्घांजलि सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो मोबाइल फोन, जिसे चीन में बनाया जाता है, भारत में बनाया जाएगा।
जेटली ने कहा कि राहुल का यह बयान उनकी 'अधूरी जानकारी' को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि 2014 में जब यूपीए सत्ता से बाहर हुई, तब देश में मोबाइल बनाने के लिए मात्र दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थी लेकिन 2018 में मोदी सरकार की नीतियों की वजह से यह अब 120 हो चुकी है, जिसमें 1,32,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
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HIGHLIGHTS
- मध्य प्रदेश में किसानों के बीच बीजेपी पर बरसे कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी
- राहुल गांधी के आरोपों पर सिलसिलेवार ढंग से अरुण जेटली ने किया पलटवार
Source : News Nation Bureau