पिछले कुछ समय से वित्तीय संकट से गुजर रही एयर इंडिया को सरकार ने बेचने की तैयारी कर ली है. यह बात केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कही. हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि सरकार आने वाले समय में एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. आपको बता दें कि इसके पहले भी हरदीप सिंह पुरी इस बात का दावा कर चुके हैं कि सरकार वित्तीय घाटे में चल रही एयर इंडिया को आने वाले समय में बेच सकती है. इसके पहले हरदीप पुरी ने राज्यसभा (उच्च सदन) में भी यह कहा था कि एयर इंडिया का निजीकरण नहीं होने की स्थिति में इसे बंद करना होगा.
पुरी ने बताया कि केंद्र सरकार इस सरकारी कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए दस्तावेज तैयार कर रही है आपको बता दें कि इसके विनिवेश प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है. आपको बता दें कि 31 मार्च 2020 को यह तिथि निर्धारित की गई है. इसके पहले के मोदी सरकार ने मई 2018 में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EOI) आमंत्रित किया था लेकिन बोली के पहले चरण में एक भी निजी पार्टी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. जिसकी वजह से यह डील कैंसिल हो गई.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एआईएसएएम ने एयर इंडिया के फिर से शुरू किये गये रणनीतिक विनिवेश के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी में भारत सरकार की शत प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने की मंजूरी दे दी है. 2018-19 में एयर इंडिया को 8556.35 करोड़ रुपये का कुल नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है. मंत्री ने कहा कि विमानन क्षेत्र में सुधार के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं.
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कर्ज से दबी है एयर इंडिया
एयर इंडिया भारी कर्ज से दबी हुई है वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 8,400 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. आपको बता दें कि पिछले काफी समय से एयर इंडिया को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज में नुकसान की वजह से कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा आपको बता दें कि एयर इंडिया को इतना घाटा उठाना पड़ा है कि इतने में एक और एयरलाइंस शुरू की जा सकती है. बहरहाल मौजूदा समय एयर इंडिया पर 60 हजार करोड़ रुपयों का कर्ज है.
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Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो