केंद्रीय पेट्रोलियम और सड़क परिवहन मंत्रालय ने जैव ईंधन पर जीएसटी की मौजूदा 18 प्रतिशत दर को घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है और कहा है जैव ईंधन पर नई पॉलिसी को जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसकी गुरुवार को घोषणा की गई।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विश्व जैव ईंधन दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ, हम जैव-डीजल पर जीएसटी (माल और सेवा कर) की वर्तमान दर 18 फीसदी को कम कर 5 फीसदी तक लाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से अनुरोध करेंगे।'
उच्च-प्रदूषणकारी डीजल के बदले बायोडीजल को लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और आयात के विकल्प के रूप में बताते हुए प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय के समन्वय में एक नई जैव ईंधन नीति पर एक कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है।
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उन्होंने कहा, 'एक नया जैव ईंधन जल्द ही आने वाला है जो निवेश, प्रोत्साहन, क्षेत्र के लिए अधिकतम आश्वासन मूल्य आदि जैसी चीजों को बढ़ावा देगा।'
प्रधान ने कहा, 'एक या दो साल में, भारत की जैव ईंधन अर्थव्यवस्था एक लाख करोड़ रुपये की होगी, जो कि बहुत से बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार पैदा करेगी और हमारे संकटग्रस्त किसानों की आय बढ़ाएगी।'
उन्होंने कहा कि सरकारी तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) जैव ईंधन अनुसंधान और विकास में 20 लाख डॉलर तक का निवेश करने के लिए तैयार हैं।
ओएमसी पहले से ही इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर चुके हैं, जिसके तहत वे पेट्रोल को 10 प्रतिशत तक इथेनॉल के साथ मिलाकर बेचते हैं।
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Source : IANS