केंद्रीय राज्यमंत्री पॉन राधाकृष्णन ने #MeToo आंदोलन पर विवादित बयान देते हुए कहा कि यह विकृत मानसिकता द्वारा चलाए जा रहे लोगों की मुहिम है. केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि, 'यह कुछ विकृत सोच वाले लोगों की मुहिम है. इस आंदोलन से भारत की पवित्र भूमि खराब हो रही है. इससे महिलाओं का सम्मान भ्रष्ट हुआ है.' वह यहीं नहीं रुके और इस आंदोलन पर अन्य सवाल खड़े करते हुए कहा कि, 'यदि पुरुष भी ऐसी ही बातें करनी शुरू कर दे तो फिर क्या होगा? क्या कोई इसे स्वीकार करेगा? यह पूरी तरह गलत है.'
वह आगे कहते हैं कि, 'सालों पहले हुई घटनाओं पर आरोप लगाना कहा तक उचित है? यदि कोई आरोप लगाता है कि जब घटना हुई तो उस वक्त वह 5वीं क्लास में एक साथ खेल रहे थे तो क्या यह उचित होगा?'
एक ओर जहां बीजेपी की नेता और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी का कहना है कि भारत में #MeToo आंदोलन की जरूरत है. वहीं बीजेपी के नेता राधाकृष्णन का यह बयान पार्टी के नेताओं में वैचारिक विरोधाभासों को दिखाता है. बीजेपी नेता एमजे अकबर पर दर्जन भर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद पार्टी पर पहले ही विरोधी पार्टीयां लगातार दबाव बना रही है. ऐसे में देश में यौन उत्पीड़न के खिलाफ चल रहे इस आंदोलन पर राधाकृष्णन का यह बयान चुनाव से पहले पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकता है.
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Source : News Nation Bureau