सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, रामदास अठावले ने बृहस्पतिवार को मूक-बधिर लोगों के लिए एक संचार पोर्टल लॉन्च किया. संचार पोर्टल लिंगोकैप (www.lingocap.in) को दिल्ली पव्लिक स्कूल, बसंत कुंज में 11वीं कक्षा के छात्र शिवांश कुलश्रेष्ठ ने बनाया है. लिंगोकैप देश की पहली संचार सेवा है जो विशेष रूप से भारत के सुनने और बोलने में असमर्थ समुदाय के लिए है. लिंगोकैप सिर्फ हिंदी में नहीं,बल्कि पांच भारतीय भाषाओं में वीडियो के जरिये बातचीत के लिए रीयल टाइम स्पीच कैप्शनिंग उपलब्ध कराता है यानि इस पोर्टल के जरिये जो शख्स बोलेगा, उसका टेक्स्ट उसी टाइम दूसरे कोने पर मौजूद उस शख्स तक पहुंच जाएगा, जिसे सुनने और बोलने में दिक्कत है,जिन्हें बोलने में भी दिक्कत है, वो लोग भी टेक्स्ट के जरिये बात कर सकते है,या ISLट्रांसलेटर के जरिये बात कर सकते है.
कुलश्रेष्ठ दिल्ली पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज में छात्र हैं. 2020 की शुरुआत में सुनने में असमर्थ उनके दादा इलाज के लिए जयपुर गए थे, उनके साथ संवाद में कठिनाई हो रही थी, क्योंकि ज़ूम, गूगल मीट्स या स्काइप जैसे आधुनिक वीडियो-संचार मावेन्स में से किसी ने भी भारतीय भाषाओं के लिए कैप्शनिंग प्रदान नहीं की थी. युवा छात्र ने इसे उद्योग में एक उल्लेखनीय अंतर के रूप में पहचाना और अपने प्रियजनों के साथ प्रभावी संचार को सक्षम करने के लिए सुनने एवं बोलने में परेशानी महसूस करने वालों को भारतीय भाषाओं के बोलने वालों के लिए एक सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से लिंगोकैप बनाया. यह सेवा बोलने और सुनने में अक्षम भारतीयों के लिए पहुंच और समावेश का एक अनूठा बिंदु प्रदान करती है. भारत में ऐसे लोगों की संख्या लगभग 75 लाख या उससे अधिक है.
युवा उद्यमी छात्र ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को इस देश में व्यवस्थित रूप से हाशिए पर रखे गए समुदाय के जीवन में एक ठोस बदलाव लाने के लक्ष्य के साथ लिया. उन्होंने व्यक्तिगत पहल के माध्यम से ऐसा किया, ऑनलाइन क्लास लेने के दौरान कैप्शनिंग और वीडियो संचार सॉफ्टवेयर स्थापित करने की मूल बातें सीखीं और सामाजिक बेहतरी के अपने सपने को आगे बढ़ाने के लिए अभियान की तरह इसे पूरा किया.
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यह संचार पोर्टल भारतीय भाषाओं में लाइव स्पीच कैप्शनिंग और योग्य आईएसएल दुभाषियों के नेटवर्क के माध्यम से सुलभ संचार को सुलभ बनाता है. इसके अतिरिक्त, एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म के रूप में, इसमें ब्रेकआउट रूम, स्क्रीन शेयरिंग, व्हाइट बोर्ड कम्युनिकेशन जैसी सभी मानक सुविधाओं की उपलब्धता है, जो इसे सुविधाओं, पहुंच और दक्षता के मामले में अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग फीचर्स के बराबर रखती है.
लिंगोकैप ने अपने 1,350+ उपयोगकर्ताओं पर बहुत कम समय में काफी प्रभाव डाला है, जिसमें बधिर छात्र स्वयं और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इसे राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च करने के बाद इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. शिवांश ने इस मंच से समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए मूक-बधिर स्कूलों और कई एनजीओ के साथ मिलकर काम किया. इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तार जारी है और निकट भविष्य में एंड्रॉइड और आईओएस के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च करने की योजना है.
शिवांश कुलश्रेष्ठ की परियोजना देश में उन व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहला कदम है जो सुनने या बोलने में अक्षम हैं. कुलश्रेष्ठ की निरंतर विस्तार की पहल से हजारों मूक-बधिर लोगों को सम्मानजनक तरीके से जीने और अपने प्रियजनों के करीब लाने की संभावना है.
HIGHLIGHTS
- शिवांश कुलश्रेष्ठ दिल्ली पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज में छात्र हैं
- लिंगोकैप से सिर्फ हिंदी में नहीं,बल्कि पांच भारतीय भाषाओं में वीडियो के जरिये बातचीत
- भारत में सुनने-बोलने में अक्षम लोगों की संख्या लगभग 75 लाख या उससे अधिक है