सयुंक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री के किसान विरोधी बयानों की निंदा करता है. प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए कि बिना मांग के इस देश मे बहुत कानून बनाये गए है, साबित कर दिया है कि ये कानून किसानों की मांग नहीं रही है. किसानों की मांग कर्जा मुक्ति - पूरा दाम की रही है जिसपर सरकार गंभीर नहीं है. किसान महापंचायतों का दौर लगातार जारी है. आज पंजाब के जगरांव में विशाल सभा आयोजित की गई जिसमें किसानों के साथ साथ अन्य नागरिको ने भी बढ़ चढ़कर भागीदारी दिखाई. सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों ने पंचायत की. सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने मंच से संबोधन करते हुए सयुंक्त किसान मोर्चे के आगामी कार्यक्रमों को लागू करवाने सम्बधी विचार रखे. टीकरी मोर्चे पर हरियाणा सरकार द्वारा सीसीटीवी लगाने के प्रस्ताव का किसानों ने विरोध किया.
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आने वाले समय मे देशभर में किसान महापंचायत आयोजित की जाएगी. मोर्चे की टीमें राज्यवार महापंचायतो के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रही है. सयुंक्त किसान मोर्चा तीन कानूनों को रद्द करने और MSP को कानूनी मान्यता देने की मांगो पर कायम है.
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आने वाले दिनों में किसान महापंचायतों का विवरण इस तरह है
12 फरवरी 11 बजे बिलारी, मुरादाबाद
12 फरवरी 1 बजे PDM कॉलेज बहादुर गढ़
18 फरवरी रायसिंह नगर, श्री गंगानगर, राजस्थान
19 फरवरी हनुमानगढ़, राजस्थान
23 फरवरी सीकर, राजस्थान
बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत का ने गुरुवार को अलवर के दौरे पर हैं. इस दौरान टिकैत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा- आपको अब रोने की जरूरत नहीं, पूरा देश आपके साथ है. हल चलाने वाला हाथ नहीं जोड़ेगा. हम ही किसान हैं, हम ही जवान हैं. अनाज तिजोरी में बन्द नहीं होगा. राकेस टिकैत ने कहा कि भूख का व्यापार करने वाले लोग हैं. जितनी तेज भूख उतनी कीमत. रोटी को तिजोरी में बन्द नहीं होने देंगे. बाजार की वस्तु नहीं बनने देंगे. जब तक पूरे देश में MSP पर खरीद नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को हरियाणा और पंजाब का आंदोलन बता रही है. बीजेपी वाले कह रहे कि यह नुक्कड़ की दुकान करने वाले का आंदोलन है.
HIGHLIGHTS
- सयुंक्त किसान मोर्चा पीएम के किसान विरोधी बयानों की निंदा करता है.
- किसान महापंचायतों का दौर लगातार जारी है.
- सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों ने पंचायत की.
Source : News Nation Bureau