बंगाल की खाड़ी से उठे विनाशकारी चक्रवात 'फानी' से निपटने की भारत की तैयारियों को संयुक्त राष्ट्र (UN) ने सराहना की है. यूएन एजेंसी फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन ने चक्रवात का सटीक पूर्वानुमान लगाने और सही वक्त पर चेतावनी जारी करने के लिए भारतीय मौसम विभाग की भी तारीफ की है. एजेंसी ने बताया कि भारत की युद्धस्तर पर की गई तैयारियों के कारण ही लोगों को सही वक्त पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना संभव हुआ जिससे बहुत कम नुकसान हुआ जबकि साल 1999 में आए तूफान में 10000 से भी ज्यादा लोगों की जान गईं थी.
यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस के प्रवक्ता ने बताया कि भारत में मौजूद हमारे अधिकारियों ने भी भारत की तैयारियों का जायजा लिया था. डिजास्टर रिस्क रिडक्शन मामले में यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि (SRSG) मामी मिजुतोरी ने कहा, 'भारत ने नुकसान कम से कम करने का लक्ष्य लेकर अपनी तैयारी की थीं. वह सेंडाइ फ्रेमवर्क के उद्देश्यों को पूरा करने में अहम योगदान दे रहा है.' सेंडाइ फ्रेमवर्क फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन 2015-2030 को यूएन के सदस्य देशों ने मार्च 2015 में स्वीकार किया था. इसके तहत आपदा प्रबंधन में केंद्र सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी तय हुई थी.
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'फानी' तूफान ने बांग्लादेश में 14 लोगों की जान ली
शुक्रवार को 'फानी' तूफान ने भारत में जमकर तांडव किया लेकिन भारत की तैयारियों के सामने ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. शनिवार को यह पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश पहुंच गया. ढाका से मिली खबरों के मुताबिक 'फानी' तूफान के कारण हुए हादसों में बांग्लादेश में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 63 अन्य घायल हुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि करीब 16 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है क्योंकि देश में तटीय इलाकों के करीब 36 गांवों में चक्रवात के कारण पानी भर गया है. इन सुरक्षित स्थानों में चार हजार आश्रय स्थल शामिल हैं. नोआखली, भोला और लक्ष्मीपुर समेत आठ जिलों से लोगों के मारे जाने की खबर मिली है.
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तटीय जिलों में सैकड़ों मकान ढह गए हैं. देश के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति और इंटरनेट सेवा बाधित हो गई है. देश के कई इलाकों में अभी भी बादल घिरे हुए हैं और तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. खराब मौसम के चलते अब तक 12 उड़ानों को रद किया जा चुका है. बांग्लादेश मौसम विभाग के निदेशक शमसुद्दीन अहमद ने बताया कि फणि के कारण बड़ी तबाही का खतरा टल गया है क्योंकि यह चक्रवात अब कमजोर पड़ गया है.
Source : News Nation Bureau