उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव बलात्कार मामले (Unnao rape case) के दोषी पूर्व MLA कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में सजा पर जिरह के दौरान अपने बचाव में ख़ुद दलीलें रखीं. कुलदीप सिंह सेंगर ने कहा की अदालत उन्हें इंसाफ दे और अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए, उनकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाए. रेप के मामले में पहले ही उम्र कैद की सजा काट रहे सेंगर को पीड़ित लड़की की पिता की मौत के मामले में भी अदालत ने गैरइरादतन हत्या का दोषी माना है.
कोर्ट ने कुलदीप सेंगर से कहा कि अदालत उन्हें पहले ही इस मामले में दोषी करार दे चुकी है, लिहाजा इन दलीलों का कोई औचित्य नहीं रहा. रिकॉर्ड इस बात की तस्दीक करते हैं कि जब हिरासत में पीड़ित के पिता की पुलिसकर्मी पिटाई कर रहे थे तो आप लगातार पुलिस अधिकारियों के संपर्क में थे. इस पर सेंगर ने अपनी दो बेटियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी होने का हवाला देते हुए सजा में रियायत की मांग की है.
कोर्ट परिसर में गिड़गिड़ाया कुलदीप सेंगर
कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा सजा पर रियायत मांगे जाने पर कोर्ट ने सेंगर से कहा कि उन्हें परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास तब होना चाहिए था जब वो लगातार कानूनों को तोड़ रहे थे. वहीं दूसरी ओर सीबीआई ने कुलदीप सेंगर और दो पुलिसकर्मी समेत सभी आरोपियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की है. CBI ने कहा कि यह पुलिसकर्मी भी हत्या की साजिश में शामिल थे, लिहाजा अदालत इन्हें भी अधिकतम सजा मुकर्रर करें.
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पुलिस अधिकारियों को भी मिले कड़ी सजा
इन पुलिस अधिकारियों ने पब्लिक सर्वेंट होने के नाते कानून व्यवस्था कायम रखने की अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया और पीड़ित शख्स को उचित समय पर सही इलाज उपलब्ध नहीं कराया जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. बहरहाल कोर्ट इस मामले में कल कुलदीप सिंह सेंगर समेत सभी 7 दोषियों की सजा पर कल्ड फैसला सुना सकता है.
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खत्म हो चुकी है विधानसभा सदस्यता
भारतीय जनता पार्टी के के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. इस संबंध में उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने अधिसूचना जारी कर चुके हैं. कुलदीप सेंगर की सदस्यता खत्म किए जाने पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रासद मौर्य ने कहा कि कानून ने अपना काम किया. सजायाफ्ता के साथ जो होना चाहिए, वो हुआ है. मौर्य ने कहा कि विपक्ष के कहने से कुछ नहीं होता है.
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गौरतलब है कि इस मामले में दिल्ली की अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने जीवंत पर्यन्त आजीवन कारावास की सजा के साथ सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इससे पहले सेंगर को भारतीय दंड संहिता (भादंसं) के तहत दुष्कर्म और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत किसी लोकसेवक द्वारा किसी बच्ची के खिलाफ यौन हमला किए जाने के अपराध का दोषी ठहराया था.