उन्नाव रेप केस मामले में दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट 29 फरवरी को फैसला सुनाएगा. रेप पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले पर कोर्ट फैसला सुनाएगा. इस मामले में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 11 लोग दोषी हैं. बता दें कि पिछले महीने नाबालिग रेप पीड़िता को भी जिंदा जला दिया गया था. आग लगने से पीड़िता बुरी तरह से झुलस गई थी. जिसके चलते उन्होंने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई. उनके शव को उनके पैतृक गांव में दफना दिया गया था.
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वहीं इससे पहले उन्नाव रेप केस की पीड़िता के पिता का उपचार करने वाले डॉ. प्रशांत उपाध्याय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. बता दें कि डॉ. प्रशांत उपाध्याय वह डॉक्टर हैं, जिन्होंने उन्नाव रेप केस की पीड़िता के पिता का इलाज किया था. रेप केस पीड़िता के पिता को मारपीट के बाद जिला अस्पताल लाया गया था, तब डॉ. प्रशांत उपाध्याय ही इमरजेंसी में थे और इन्होंने ही पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया था.
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इस मामले पर विवाद होने के बाद जब सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की, तो डॉ. प्रशांत उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया गया था और लंबे समय बाद इनकी बहाली हुई थी. इस वक्त डॉ. प्रशांत फतेहपुर में तैनात थे. हालांकि, डॉ. प्रशांत उपाध्याय की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. बता दें कि इसी केस से जुड़े मामले में मंगलवार को तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई होगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय मधुमेह से पीड़ित थे.
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बता दें कि भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली थी. अदालत ने उन्नाव में 2017 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में उसे सुनायी गयी आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने से इंकार कर दिया था. अपनी दोष सिद्धि और सजा के खिलाफ सेंगर की याचिका पर अदालत ने पीड़िता से जवाब भी मांगा है. न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने सेंगर को जुर्माने की 25 लाख रुपये की राशि 60 दिन में देने की अनुमति दी जिनमें से 10 लाख रुपये बिना किसी शर्त के पीड़िता को दिए जाएंगे.