उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए बलात्कार मामले में एक नया खुलासा सामने आया है। रेप पीड़िता के चाचा ने पुलिस को लिखकर आरोप लगाया है कि पीड़िता के पिता की हत्या के गवाह की मौत संदिग्ध परिस्थियों में हुई थी और बिना पोस्टमॉर्टम किए ही उसे दफना दिया गया था। बता दें कि इस बलात्कार मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी हैं। मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कुलदीप सेंगर, उसके भाई और अन्य आरोपियों के खिलाफ जुलाई महीने में चार्ज शीट फाइल कर चुकी है।
कथित रेप मामले में मुख्य आरोपी बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) विधायक कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं। आरोप पत्र दायर करने के बाद कुलदीप सेंगर ने कहा था कि 'सीबीआई ने मुझे न्याय नहीं दिया। राजनीतिक व्यक्ति हूं, मुझे न्याय मिलना चाहिए था, लेकिन नहीं मिला।'
बीजेपी विधायक ने कहा था कि सीबीआई की रिपोर्ट को लेकर मैं अपने वकीलों से सलाह लूंगा और न्याय के लिए लड़ूंगा। मैं कोर्ट की शरण में जाऊंगा। मुझ पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।
न्यायिक हिरासत में रेप पीड़िता के पिता की हुई मौत मामले में बीजेपी विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर सहित 5 आरोपियों के नाम भी आरोप पत्र में दर्ज हुए थे। इन पांच आरोपियों में अतुल सिंह सेंगर के अलावा विनीत मिश्रा, बिरेन्द्र सिंह, राम शरण सिंह, शशि प्रताप सिंह हैं जो सभी उन्नाव जिले में माखी गांव के निवासी है। सीबीआई ने इनके खिलाफ हत्या और इससे संबंधित अन्य अपराधों का आरोप तय किया था।
क्या है पूरा मामला:
बता दें कि उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र की रहने वाली 17 वर्षीय लड़की ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप लगाया था कि जून 2017 में उन्होंने उसे बंधक बनाकर कई बार रेप किया था। लड़की का आरोप था कि विधायक के साथ-साथ उसके लोगों ने भी साथ में रेप किया था।
लड़की के पिता रेप मामले में कोर्ट की सुनवाई के लिए 3 अप्रैल 2018 को दिल्ली से आए थे। उसी शाम उसके घर के सामने कथित तौर पर गाली गलौज और मारपीट की गई जिसके कारण वह घायल हो गया था।
गंभीर रूप से घायल करने के बाद स्थानीय पुलिस के द्वारा पिता पर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया और जेल में डाल दिया गया था। बाद में इलाज के अभाव में 8 अप्रैल को उनकी मौत हो गई थी। सीबीआई ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को इस पूरे मामले में 13 अप्रैल को हिरासत में ले लिया था।
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बीजेपी विधायक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण), 366 (महिला का अपहरण), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी) और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था।
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Source : News Nation Bureau