साल 2018 में अब तक कुल 80 पत्रकारों को अपने पेशे की क़ीमत मौत के तौर पर चुकानी पड़ी है. मरने वाले पत्रकारों की मौत की संख्या को ध्यान में रखकर बात की जाए तो अफ़गानिस्तान सबसे असुरक्षित देश है, वहीं भारत का नंबर इस सूची में पांचवे नंबर पर आता है. रिपोर्ट्स विदाउट बॉर्डर्स नाम की साइट ने एक आंकड़ा रखा है जिसमें बता गया है कि पूरी दुनिया में पत्रकारों की हत्या का मामला बढ़ा है.
साल 2018 में कुल 80 पत्रकारों की हत्या की गई जिसमें 63 पेशेवर पत्रकार थे. इतना ही नहीं इस साल 348 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया, 60 पत्रकारों का अपहरण किया गया वहीं तीन पत्रकार लापता हैं.
मारे गए 80 पत्रकारों में से 49 की हत्या उनकी रिपोर्टिंग की वजह से की गई. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में सबसे अधिक पत्रकारों की मौत हुई है.
बता दें कि 2018 में अफगानिस्तान में इस साल 15 पत्रकार मारे गए हैं, वहीं भारत और अमेरिका में छह-छह पत्रकार मारे गए हैं. इसके अलावा सीरिया में 11, मैक्सिको में नौ और यमन में आठ पत्रकारों की हत्या की गई.
हालांकि आश्चर्यजनक रूप से इराक इस लिस्ट में शामिल ही नहीं है. साल 2018 में इराक में एक भी पत्रकार की हत्या नहीं हुई है. 2003 के युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ है.
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वहीं इस साल 348 पत्रकारों को हिरासत में लिया गया. इनमें से 60 चीन में, 38 मिश्र में, 33 तुर्की में और 28-28 सऊदी अरब और ईरान में हिरासत में लिए गए.
Source : News Nation Bureau