संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने अपने चार दिवसीय भारत दौरे के दौरान मंगलवार को कहा कि भारत को रोहिंग्या संकट के लिए बांग्लादेश को समर्थन करना चाहिए और म्यांमार पर दवाब बनाना चाहिए। एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि नई दिल्ली में वैश्विक चुनौतियां-वैश्विक समाधान विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि अगर रोहिंग्या संकट का समाधान नहीं किया गया तो भविष्य में यह समुदाय आतंकवाद के चंगुल में फंस सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने आज तक इस तरह का मानवीय संकट नहीं देखा है।
एंटोनियो गुटेरस ने कहा, 'मैंने किसी समुदाय के साथ इस तरह का भेदभाव नहीं देखा जैसे रोहिंग्याओं के साथ हुआ। बौद्ध बहुल म्यांमार में नस्लीय भेदभाव गहरे रूप में है। जिस तरीके से रोहिंग्या के साथ चरमपंथ और सशस्त्र बल द्वारा व्यवहार हुआ, वह जघन्य था और यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है।'
महासचिव बनने के बाद भारत की पहली यात्रा पर आए गुटेरस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद को परिभाषित करने में विफल रहा है।
उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है लेकिन संयुक्त राष्ट्र इसे परिभाषित नहीं कर पाया है क्योंकि इसके रूप और कारणों की काफी जटिलता है। संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद से निपटने के लिए एक अलग विभाग बनाया है और चरमपंथ और आतंकवाद को रोकने के लिए एक योजना भी लांच की है।'
गुटेरस ने कहा कि यह साफ है कि हम इससे निपटने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। लेकिन यह भी साफ है कि आतंकवाद एक बड़ी समस्या है क्योंकि इससे अधिक से अधिक टकराव जुड़े हुए हैं।
Source : News Nation Bureau