उत्तर प्रदेश के दलित सांसदों की तरफ से पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तलब किया।
शनिवार शाम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र से मुलाकात की।
कर्नाटक विधानसभा समेत अन्य राज्यों के विधआनसभा चुनाव के ठीक पहले पार्टी के भीतर दलित सांसदों की नाराजगी के गंभीर सियासी नतीजों को समझते हुए पीएम मोदी ने इस मामले में सीधे दखल दिया है।
हालांकि पार्टी की तरफ से इस मुलाकात का अभी तक कोई ब्योरा नहीं दिया गया है, लेकिन इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
योगी के दिल्ली तलब होने के बाद उत्तर प्रदेश में बड़े सियासी फेरबदल की संभावनाएं जताई जा रही है।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने यूपी में अंबेडकर जयंती के अवसर पर 14 अप्रैल को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के विषय में प्रधानमंत्री से चर्चा की।
योगी और पीएम मोदी की मुलाकात वैसे समय में हुई है, जब यूपी के तीन दलित सांसदों (रॉबर्ट्सगंज से सांसद छोटेलाल, इटावा से सांसद अशोक कुमार दोहरे, मुजफ्फरनगर से सांसद यशवंत सिंह) ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रधानमंत्री से सीधी शिकायत की थी। इसके अलावा बहराइच से दलित सांसद सावित्री बाई फुले लखनऊ में दलितों के खिलाफ उत्पीड़न को लेकर रैली कर चुकी है।
वहीं दिल्ली से पार्टी सांसद उदित राज ने भी भारत बंद के बाद देश भर में दलितों को झूठे मामलों में फंसाए जाने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि यूपी में शानदार प्रदर्शन के दम पर ही बीजेपी लोकसभा में प्रचंड बहुमत पाने में सफल रही थी। 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पिछले चुनाव में 71 जबकि एनडीए को कुल 73 सीटें मिली थीं।
अगले आम चुनाव में भी यूपी से आने वाली सीटों की अहम भूमिका होगी। हालांकि जिस तरह से पार्टी के दलित सांसदों ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है, उसने मोदी सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है।
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HIGHLIGHTS
- दलित सांसदों की खुलेआम नाराजगी के बाद पीएम मोदी ने किया योगी को तलब
- यूपी के दलित सांसदों ने योगी सरकार के खिलाफ खोल ऱखा है मोर्चा
Source : News Nation Bureau