उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण गिरोह पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. पुलिस ने डासना मंदिर मामले में आरोपी विपुल विजयवर्गीय उर्फ रमजान को गिरफ्तार कर लिया है. बत दें कि रमजान अपने साले काशिफ के साथ यति नरसिंहानंद की हत्या के लिए मंदिर गए थे. दोनों के पास से सर्जिकल ब्लेड भी बरामद हुआ था. दोनों आरोपी ने उसी तरह हत्या की साजिश का प्लान बनाया था, जैसे साल 2019 में लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या हुई थी. एटीएस (ATS) के जुड़े बड़े सूत्रों के हवाले से खुलासा किया है.
गौरतलब है कि यति नरसिंहानंद ने कमलेश तिवारी की तरह मुस्लिमों और इस्लाम के खिलाफ कई विवादित बयान दिए हैं. इसलिए कमलेश की तरह ही नरसिंहानंद को भी निशाना बनाया जाना था.
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बता दें कि कासिफ और विपुल विजयवर्गीय उर्फ रमजान बीती 2 जून तारीख को गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर पर यति नरसिंहानंद से मिलने के लिए गए थे. इस मुलाकात दौरान पुलिस द्वारा उनको गिरफ्तार किया गया और अब एटीएस लखनऊ ने विपुल विजयवर्गीय से बातचीत के बाद यह खुलासा किया एक बड़ा नेक्सस धर्मांतरण का कार्य करा रहा है.
इसके पहले उत्तर प्रदेश एटीएस ने कथित तौर पर 1000 से ज्यादा लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के आरोप में दिल्ली से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. उमर गौतम और जहांगीर नाम के इन दोनों आरोपियों ने कथित तौर पर लगभग 1000 गैर-मुसलमानों को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए मजबूर किया था. एक आरोपी ने खुलासा किया कि वह जामिया नगर के बटाला हाउस का रहने वाला है और उसने खुद धर्म परिवर्तन किया है. आरोपी उमर गौतम मूल रूप से फतेहपुर जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के पंथुवा गांव का रहने वाला है. गिरफ्तारी की खबर के बाद आरोपी के गांव में हड़कंप मच गया. पुलिस उमर के गांव पहुंच गई है, जहां उन्होंने जांच भी शुरू कर दी है.